



धरमजयगढ़। विकासखंड धरमजयगढ़ के कापू तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत कूमा बरसात की मार से बेहाल है। लगातार झमाझम बारिश ने यहां की सड़कों को न केवल बदहाल किया, बल्कि लोगों की जीवनरेखा कही जाने वाली पक्की पहुंच मार्ग को भी बीच से चीरकर दो हिस्सों में बाँट दिया है। परिणामस्वरूप गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, सभी के कदम भारी परेशानी से गुजर रहे हैं।
बता दें,गांव तक पहुंचने वाली यह सड़क महज़ एक रास्ता नहीं थी, बल्कि कूमा पंचायत को सरिया, मड़वाताल, जमरगा, पेलमा, घोघरा, इंचपारा, कंचीरा और पारेमेर जैसे कई गांवों को जोड़ने एवं धरमजयगढ़-कापू मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली जीवनधारा थी। बीते दिनों हुई तेज बारिश ने जब नदी-नालों को उफान पर ला दिया, तब यही मार्ग ध्वस्त हो गया और जनजीवन मानो कैद होकर रह गया।

और वहीं मिली जानकारी अनुसार बीते रविवार को तो हालात और भयावह हो गए, जब गांव के एक व्यक्ति ने अकारण जहर सेवन कर लिया। शासकीय वाहन सड़क टूट जाने से गांव तक नहीं पहुँच पाया। मजबूर परिजनों ने उसे मोटरसाइकिल पर बैठाकर जैसे-तैसे अस्पताल तक पहुँचाया। यह घटना गाँव की असुविधा और प्रशासनिक उदासीनता की मौन कहानी बयाँ करती है। वहीं स्कूली बच्चों को विद्यालय पहुँचना दुश्वार हो गया है और रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए भी ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। गांव नेटवर्क विहीन होने से मुखिया मांति राठिया तक से संपर्क साधना कठिन हो गया, जिससे स्पष्ट है कि यहां के लोग सड़क और संचार दोनों संकटों से जूझ रहे हैं।
बहरहाल बरसात का यह कहर न केवल कूमा पंचायत की राहें तोड़ गया है, बल्कि उम्मीदों और सहज जीवन की डगर को भी अवरुद्ध कर गया है। ग्रामीण अब शासन-प्रशासन से जीवनरेखा पुनः जोड़ने की आस लगाए बैठे हैं।