



धरमजयगढ़। श्रद्धा और भक्ति से आलोकित इस पावन समय में धर्म की नगरी धरमजयगढ़ ने एक विराट आध्यात्मिक आयोजन का साक्षी बनकर अपने सौभाग्य को बढ़ाया है। कापु रोड स्थित विजय (जनकर्म) अशोक अग्रवाल के निवास पर 28 अगस्त से 4 सितम्बर 2025 तक पितृमोक्षार्थ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन हो रहा है।वृंदावन धाम से पधारे सुप्रसिद्ध कथा वाचक श्री यतेंद्र वल्लभ शास्त्री व्यासपीठ पर विराजमान होकर अपनी अमृतमयी वाणी से प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से सायं 7 बजे तक श्रद्धालुओं को कथा रसपान करा रहे हैं। भक्ति-भाव से भरे इस अनुष्ठान में कल कृष्ण जन्मोत्सव के प्रसंग का उल्लासपूर्वक आयोजन हुआ। तत्पश्चात शास्त्री जी ने गिरिराज पर्वत की महिमा, पूजन विधि और भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को एक अँगुली पर धारण करने की अद्भुत कथा का भावपूर्ण वर्णन कर श्रोताओं को कर्मप्रधानता का संदेश दिया। कथावाचक शास्त्री जी ने कथा पंडाल से यह भी प्रेरणा दी कि “भगवान भाव और प्रेम के भूखे हैं, वे सभी के लिए समान हैं। तभी तो उन्होंने दुर्योधन की मेवा को त्यागकर विदुर के घर सादा भोजन स्वीकार किया था।
इस दिव्य आयोजन की व्यवस्था गोयल परिवार धरमजयगढ़ द्वारा की गई है। कथा स्थल पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचकर भक्ति सागर में डुबकी लगा रहे हैं।