


लैलूंगा। लैलूंगा में पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर कुठाराघात का मामला उजागर हुआ है, जहाँ प्रेस क्लब अध्यक्ष चंद्रशेखर जायसवाल को एक पटवारी से जुड़ी खबर प्रकाशित न करने के लिए धमकियाँ दी गईं। घटना ने न केवल मीडिया जगत को झकझोर दिया, बल्कि प्रशासनिक निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते दिन मीडिया में पटवारी संगीता का हर काम में आमजनताओं से रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए क्षेत्र के जनपद पंचायत सदस्य सहित कई लोगों ने एसडीएम कार्यालय में पटवारी के खिलाफ शिकायत आवेदन दिए। जिसका खबर खुब सोशल मीडिया पर चला जिसके बाद वहीं एक पत्रकार को पटवारी संगीता के गुंडों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है। और वहीं आज आवेदक पीड़ित पत्रकार जयसवाल के लिखित शिकायत आवेदन अनुसार उनको 25 जून की दोपहर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई, जिसमें खुद को संगीता गुप्ता का समर्थक बताने वाले व्यक्ति ने अशोभनीय भाषा में बातचीत करते हुए खबर रोकने का दबाव बनाया। विरोध पर जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद अन्य पाँच लोगों ने भी अलग-अलग नामों से कॉल कर उन्हें धमकाया और ब्लॉक कार्यालय के पास बुलाकर नुकसान पहुँचाने की चेतावनी दी। और वहीं जयसवाल ने पांच नामों में संजय भगत (पटवारी) योगेन्द्र सोनवान,राजेश शर्मा (निवासी रगड़ी,स्तुघन भगत (ग्राम झरण)राहुल सारथी (इंद्रानगर) का नाम थाने में लिखित आवेदन दिया है। और वहीं चंद्रशेखर जायसवाल का कहना है कि यह घटना उनकी सुरक्षा ही नहीं, पत्रकारिता की आत्मा पर भी हमला है। उन्होंने बताया कि कॉल डिटेल्स उनके पास सुरक्षित हैं, जिन्हें जांच में प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें,प्रेस क्लब लैलूंगा और पत्रकार संगठनों ने इस हरकत को लोकतंत्र पर धब्बा बताया है और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। यह मामला सिर्फ एक पत्रकार का नहीं, बल्कि निष्पक्ष मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का है — जिसे दबाने की कोई भी कोशिश अस्वीकार्य है। अब देखना यह है कि प्रशासन इन धमकियों को कितनी गंभीरता से लेकर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।