

धरमजयगढ। धरमजयगढ़ की धरा इन दिनों कोक पर्ल के अवैध कारोबार की कालिमा से झुलसती प्रतीत हो रही है। बीते दिनों स्थानीय प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए डाहीडांड़ स्थित इंडियन ढाबा में अवैध कोक पर्ल से लदे चार ट्रकों को जब्त कर थाना परिसर में खड़ा कर दिया। यह कार्रवाई न केवल प्रशासनिक तत्परता का परिचायक बनी, बल्कि वर्षों से सुलगते इस अघोषित व्यापार की परतों को भी उधेड़ कर रख दिया।
और वहीं जप्त ट्रकों की जांच के बाद मामला खनिज विभाग रायगढ़ को प्रेषित किया गया, जहां से आगे की कार्रवाई अपेक्षित है। लेकिन प्रशासनिक सक्रियता के साथ ही अब राजनीतिक सरगर्मी भी तेज़ हो चुकी है। कांग्रेस के युवा नेता एवं एनएसयूआई के विधानसभा प्रभारी उस्मान बेग के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि बाकारूमा क्षेत्र में चल रहे अवैध कोक पर्ल के ट्रक कारोबार पर तत्काल लगाम नहीं कसी गई, तो वे जनआंदोलन की राह पकड़ने को बाध्य होंगे।

परंतु यह चेतना भी अपने आप में कई प्रश्न खड़े कर रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब वर्षों से यह काला कारोबार क्षेत्र में पनपता रहा, तब जनप्रतिनिधित्व मौन क्यों था? क्या वास्तव में कार्रवाई के बाद ही राजनीतिक विवेक जागा है?
लेकिन वहीं दूसरा महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी उठ रहा है कि ज्ञापन में केवल रैरूमा क्षेत्र के बाकारूमा में चल रहे कारोबार की बात क्यों? आखिर डाहीडांड़ में जब्त चार ट्रकों के वास्तविक मालिक कौन हैं, इस पर कांग्रेस जन मौन क्यों हैं? क्या यह आंदोलन केवल राजनीतिक दिखावे तक ही सीमित है, या फिर वास्तव में अवैध कारोबार की जड़ों तक पहुंचने की मंशा रखता है?
और वहीं स्थानीय प्रशासन ने तो कार्रवाई कर अपनी जिम्मेदारी निभाई है, लेकिन एक ही स्थान पर कार्रवाई क्यों? क्या अन्य स्थानों के लिए ज्ञापन का इंतजार आवश्यक रही है? लेकिन अब बारी उन जनप्रतिनिधियों की है जो जनता की आवाज़ बनते हैं। यदि वास्तव में उद्देश्य कोक पर्ल के इस काले व्यापार का समूल नाश है, तो कार्रवाई केवल ज्ञापन तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि मास्टरमाइंड तक पहुंचकर न्याय के सिंहद्वार खोलने होंगे।
फिलहाल कोक पर्ल की कालिख़ में लिपटी यह कहानी धरमजयगढ़ क्षेत्र में बहस का केंद्र बन चुकी है, और जनता की आंखें अब अगली कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रही हैं।
“समाचार लेखक -राजू यादव धरमजयगढ,…✍️✍️