

धरमजयगढ़। विकासखंड के ग्राम पंचायत जबगा में शासकीय राशन दुकान के संचालक की मनमानी और भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हुआ है। ग्रामीणों की शिकायत पर खाद्य विभाग के अधिकारी जब मौके पर पहुंचे और जांच की, तो राशन विक्रेता के काले कारनामे सामने आ गए।
चार महीनों से नहीं मिला चना, शक्कर पर भी लूट
आपको बता दें,ग्राम पंचायत जबगा के ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें पिछले चार महीनों—दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक—सरकारी योजना के तहत मिलने वाला चना नहीं दिया गया। ग्रामीण हितग्राहियों का कहना था कि जब भी वे राशन लेने जाते, तो दुकानदार बहाने बनाकर उन्हें चना देने से इनकार कर देता था। वहीं, शक्कर के मामले में भी घोटाला सामने आया। सरकारी दर के अनुसार, शक्कर का शासकीय मूल्य लगभग 17.78 रुपये प्रति किलो तय है, लेकिन राशन दुकानदार ग्रामीणों से 20 रुपये प्रति किलो वसूल रहा था।

खाद्य अधिकारी ने की कड़ी कार्रवाई
ग्रामीणों की शिकायत पर खाद्य अधिकारी ने जब गांव पहुंचकर राशन दुकान का भौतिक सत्यापन किया, तो पूरा मामला उजागर हो गया। जांच में पता चला कि सरकार द्वारा हर महीने चना भेजा गया था, लेकिन विक्रेता ने ग्रामीणों तक इसे पहुंचाया ही नहीं। इस गड़बड़ी को देखकर खाद्य अधिकारी बेहद नाराज हुए और उन्होंने दुकानदार को फटकार लगाई।
ग्राम पंचायत में हुआ पंचनामा, विक्रेता पर होगी कार्रवाई
और वहीं खाद्य अधिकारी ने ग्रामीणों की मौजूदगी में पंचनामा तैयार करवाया और आश्वासन दिया कि दोषी राशन विक्रेता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों को जल्द ही उनके हक का राशन दिलाने का वादा किया गया है।
गांव में हड़कंप, प्रशासन ने कसी कमर
बता दें,इस खुलासे के बाद गांव में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों। प्रशासन ने भी आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की गहराई से जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को पलीता लगाने का एक बड़ा उदाहरण है। अब देखना होगा कि प्रशासन कितनी जल्दी दोषी के खिलाफ कार्रवाई करता है और ग्रामीणों को उनका हक दिलाता है।

