

धरमजयगढ,रायगढ़। भारतमाला परियोजना के अंतर्गत उरगा-पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130ए के पुनःसरेखण कार्य में एक गंभीर अनियमितता सामने आई है। धरमजयगढ़ अनुविभाग के ग्राम बायसी, मेढरमार एवं धरमजयगढ़ में प्रस्तावित नवीन एलाइनमेंट में भू-स्वामियों द्वारा अवैध रूप से टीन शेड एवं अस्थायी पोल्ट्री फार्म का निर्माण किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य उस भू-भाग पर हो रहा है, जिसे परियोजना हेतु अधिग्रहित किया जाना प्रस्तावित है।
बता दें,भा.रा.रा.प्रा. के परियोजना निदेशक द्वारा कलेक्टर रायगढ़ को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि उक्त निर्माण कार्य न केवल अवैध है, बल्कि यह सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाने की मंशा से प्रेरित प्रतीत होता है। पत्र के अनुसार, डी.पी.आर. सलाहकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण और ड्रोन विडियोग्राफी में यह सिद्ध होता है कि इन निर्माणों का पूर्व में कोई अस्तित्व नहीं था। अब जब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है, तब ये टीन शेड व पोल्ट्री फार्म तेजी से निर्माणाधीन पाए गए हैं।

और वहीं पत्र के मिली जानकारी अनुसार बता दें,दिनांक 28 जून 2025 को भू-अर्जन के सक्षम प्राधिकारी, राजस्व अधिकारियों एवं एनएचएआई के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया, जिसमें कुल 18 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए। इन निर्माणों की सूची एवं संबंधित स्थलों के फोटो तथा पूर्व में ली गई ड्रोन वीडियोग्राफी भी प्रमाणस्वरूप प्रस्तुत की गई है।

बता दें,परियोजना निदेशक ने इस पूरे प्रकरण को गम्भीर मानते हुए मांग की है कि ऐसे अवैध निर्माण कार्यों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। उन्होंने प्रशासन से अपेक्षा जताई है, कि इन साजिशन निर्माणों को हटा कर वास्तविक स्थिति की पुनर्पुष्टि की जाए, ताकि शासन को अनावश्यक मुआवजा भुगतान से रोका जा सके। यह मामला न केवल प्रशासनिक सजगता की परीक्षा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार जनहित की बड़ी परियोजनाओं में कुछ स्वार्थी तत्व अपने लाभ के लिए बाधा उत्पन्न करते हैं।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस अवैध निर्माण और मुआवजा हड़पने की साजिश पर कितनी शीघ्रता और कठोरता से कार्यवाही करता है।