
धरमजयगढ़। समाज में जब कोई पीड़ा से जूझ रहा हो और कोई संवेदनशील जनप्रतिनिधि संवेदना का हाथ बढ़ा दे, तो वह केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि सच्ची जनसेवा की मिसाल बन जाती है। ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला ग्राम ससकोबा में, जहाँ आयोजित एक विवाह समारोह में जिला पंचायत सदस्य पुनेश्वर राठिया ने अपने आत्मीय भावों के साथ उपस्थिति दर्ज कराई। यह विवाह किसी सामान्य परिवार का नहीं था, बल्कि एक ऐसी कन्या का था, जिसने अपने माता-पिता को जीवन के प्रारंभिक दौर में ही खो दिया था। बता दें,बेटी सीमा राठिया का पालन-पोषण उसके वृद्ध दादा-दादी ने बड़ी कठिनाइयों और स्नेह के साथ किया। विवाह के इस पावन अवसर पर जब उसे अपने माता-पिता के आशीर्वाद की अनुपस्थिति खल रही थी, तब पुनेश्वर राठिया ने एक सच्चे अभिभावक की भूमिका निभाते हुए न केवल उपस्थिति दी, अपितु आशीर्वचनों से उसका मनोबल भी बढ़ाया। समारोह में राठिया ने नवविवाहिता को सुख, समृद्धि और नवजीवन के मंगल मार्ग पर अग्रसर होने का आशीर्वाद दिया। उनके इस कदम ने समाज में यह संदेश दिया कि जनप्रतिनिधि केवल मंचों और घोषणाओं तक सीमित नहीं होते, वे ज़रूरतमंदों के जीवन में उम्मीद की किरण बनकर भी सामने आते हैं। समारोह में ग्रामीणों ने भी जिला पंचायत सदस्य की सराहना की और कहा कि ऐसे नेताओं की आवश्यकता है, जो न केवल प्रशासनिक दायित्व निभाएं बल्कि भावनात्मक रूप से भी समाज के हर वर्ग के साथ खड़े रहें। और वहीं एक अनाथ बेटी के विवाह में उपस्थिति देकर पुनेश्वर राठिया ने यह साबित कर दिया कि सेवा, संवेदना और समर्थन ही सच्चे जनप्रतिनिधि की पहचान होती है।