

धरमजयगढ़ (कापू)। प्रेम के नाम पर विश्वासघात का एक दर्दनाक मामला कापू थाना क्षेत्र से प्रकाश में आया है, जहाँ एक महिला ने धोखे से विवाह करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता लक्ष्मी महंत, निवासी कापू, ने बताया कि वर्ष 2016 में उसकी पहचान जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण निवासी हरीश चौहान से हुई थी। दोनों के बीच प्रेम संबंध बना, और परस्पर सहमति से विवाह संपन्न हुआ।

और वहीं विवाह के पश्चात दोनों के दो संतानें—एक पुत्र और एक पुत्री—हुए तथा परिवार सामान्य जीवन जी रहा था। किंतु, नियति को कुछ और ही मंजूर था। आगे लक्ष्मी महंत के बताए अनुसार, एक दिन अचानक हरीश घर छोड़कर चला गया और फिर वापस नहीं लौटा। अपने पति की खोज में लक्ष्मी जब उसके मूल निवास शिवरीनारायण पहुँची, तो वहाँ उसे एक चौंकाने वाला सच ज्ञात हुआ—हरीश पहले से ही विवाहित था।
लेकिन वहीं यह सच्चाई जानने के बाद लक्ष्मी को न केवल भावनात्मक आघात लगा, अपितु ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा उसे तिरस्कार और अपमान का भी सामना करना पड़ा। अपने बच्चों को लेकर वह मायके लौट आई और कापू थाना में शिकायत दर्ज करवाई। परंतु, उचित कार्रवाई न होते देख उसने पुलिस अधीक्षक कार्यालय रायगढ़ में आवेदन प्रस्तुत किया।
लेकिन वहीं अब लक्ष्मी महंत शासन और प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही है। उसका कहना है कि एक धोखेबाज़ व्यक्ति ने न केवल उसके जीवन से खिलवाड़ किया, बल्कि मासूम बच्चों को भी भविष्यहीन बना दिया है। वह चाहती है कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए दोषी के विरुद्ध उचित और कठोर कार्रवाई की जाए।
और वहीं यह घटना न केवल व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज को यह सोचने पर भी विवश करती है कि प्रेम और विवाह जैसे पवित्र संबंधों को छल-कपट से दूषित करना कितना घातक हो सकता है। लक्ष्मी की लड़ाई अब केवल व्यक्तिगत न्याय की नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की भी प्रतीक बन चुकी है।