
हाथी मित्रदल की निष्क्रियता से बढ़ा खतरा, धरमजयगढ़ मार्ग पर हाथी से मची अफरा-तफरी!

धरमजयगढ़। धरमजयगढ़-क्रोन्धा मार्ग पर आज विशाल हाथी के सड़क के बीचों-बीच आने से अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोग हाथी की चिंघाड़ सुनकर भयभीत हो गए और सड़क पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। इस दौरान हाथी मित्रदल और वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद तो रही, लेकिन उनकी भूमिका सहयोगात्मक नहीं दिखी।
हाथी मित्रदल की लापरवाही ने बढ़ाया खतरा
हाथी मित्रदल की टीम को हाथियों के संरक्षण और स्थानीय लोगों को सतर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, लेकिन इस घटना के दौरान वे लोगों को जागरूक करने और सही दिशा-निर्देश देने में असफल साबित हुए।

मीडिया पार्टनर शेख आलम के कैवरेज करने दौरान कई खामियां हुईं उजागर—
हाथी मित्रदल कहीं और मौजूद था, जबकि हाथी किसी और दिशा में सड़क के किनारे खड़ा था। इससे साफ होता है कि टीम की निगरानी में भारी चूक हुई।
– ड्रोन कैमरा ऑपरेटर भी सही लोकेशन का आकलन नहीं कर पाए, जिससे हाथी की वास्तविक स्थिति अलग नजर आई और टीम भ्रमित रही।
– सड़क किनारे हाथी मौजूद था, लेकिन हाथी मित्रदल उससे काफी दूर रहा, जिससे वे मौके पर कोई ठोस कदम नहीं उठा सके।
राहगीर हाथी की उपस्थिति से अनजान थे और जान जोखिम में डालकर रास्ते से गुजरते रहे।
राहगीरों की सुरक्षा से खिलवाड़
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चिंताजनक पहलू यह रहा कि राहगीरों की सुरक्षा के लिए तैनात टीम अपने काम को गंभीरता से नहीं निभा सकी। हाथी मित्रदल को स्थानीय लोगों और यात्रियों को समय पर सचेत करना था, लेकिन उनकी निष्क्रियता से कई लोगों की जान जोखिम में पड़ने की ओर संकेत कर रही है।
क्या कहती है यह घटना?
यह मामला वन विभाग और हाथी मित्रदल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। अगर सुरक्षा टीम सही निगरानी करती, ड्रोन कैमरा सही जानकारी देता और हाथी मित्रदल सतर्क रहता, तो इस भयावह स्थिति से बचा जा सकता था।
अब सवाल यह उठता है कि— 1. क्या हाथी मित्रदल की टीम को उचित प्रशिक्षण दिया गया है?
2.क्या ड्रोन कैमरा ऑपरेटर हाथी की निगरानी के लिए प्रशिक्षित हैं?
3.क्या स्थानीय प्रशासन और वन विभाग इस लापरवाही पर कोई कार्रवाई करेगा?
स्थानीय प्रशासन से उम्मीद
धरमजयगढ़ क्षेत्र में हाथियों का आना-जाना लगातार बना रहता है, इसलिए प्रशासन को इस तरह की लापरवाहियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। राहगीरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाथी मित्रदल को सतर्क और प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। (रिपोर्ट: राजू यादव धरमजयगढ़ )

