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Google देगी,5823 करोड़,10 करोड़ युजर्स को मिलेगा पैसा… जानें कैसे?

डेक्स न्यूज़/दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google को अपनी मनमानी करने की कड़ी सजा मिली है। अब अमेरिका में कंपनी को 70 करोड़ डॉलर (करीब 5,823 करोड़ रुपए) चुकाने होंगे।दरअसल मार्केट में एंड्रॉइड की मजबूत स्थिति का गलत फायदा उठाने के केस में गूगल को कोर्ट में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।इस मामले में सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत ने आदेश दिया कि गूगल 63 करोड़ डॉलर की राशि कंज्यूमर्स के लिए एक सेटलमेंट फंड में डालेगा, जबकि 7 करोड़ डॉलर की राशि राज्यों को मिलेगी।हालांकि, इस फैसले पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है। इस फैसले के बाद भारत में भी गूगल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि कंपनी, भारत में भी एंड्रॉइड की मजबूत स्थिति का गलत फायदा उठाने से जुड़े एक मामले का सामना कर रही है।Google को वास्तव में प्ले स्टोर पर उपलब्ध ऐप्स के लिए ग्राहकों से अधिक भुगतान करने का आरोप लगाया गया था। इसके लिए कंपनी अवैध पाबंदियां लगा रही है और ऐप्स को बेचने में भेदभाव कर रही है। इसके अलावा, ग्राहकों से ऐप में खरीददारी करने पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने का भी आरोप था।यूजर्स को कितना पैसा मिलेगा?मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस केस में अमेरिकी अदालत (American Court) के आदेश के बाद, हर ग्राहक को सेटलमेंट में कम से कम 2 डॉलर की रकम मिलेगी। वहीं गूगल प्ले स्टोर पर ग्राहकों द्वारा 16 अगस्त 2016 से 30 सितंबर 2023 के बीच खर्च की गई। राशि के हिसाब से उन्हें अतिरिक्त रकम दी जाएगी। इस मामले से जुड़े वकीलों की मानें तो करीब 10.2 करोड़ यूजर्स को इस सेटलमेंट अमाउंट (Settlement Amount) का हिस्सा पाने के लिए एलिबिजल हो सकते है।क्या है पूरा मामलादरअसल Google पर आरोप था कि वह प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप्स के लिए यूजर्स से ज्यादा रकम वसूल रहा है. इसके लिए कंपनी अवैध तरीके से पाबंदियां लगा रही है और ऐप्स के डिस्ट्रिब्यूशन में भी भेदभाव कर रही है. इसके अलावा, ग्राहकों से ऐप के अंदर लेनदेन करने पर भी अनावश्यक शुल्क वसूलने का आरोप था.वहीं, भारत में भी भारत में भी एंड्रॉइड की मजबूत स्थिति का गलत फायदा उठाने से जुड़े एक मामले में प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर 1337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके बाद गूगल ने NCLT में अपील की है, जिसने प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले को सही बताया. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है जिस पर अंतिम फैसला आना है।

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