रायगढ़/धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ प्रदेश में दिनों दिन हाथी की संख्या बढ़ते जा रही है, वही रायगढ़ जिला के धरमजयगढ छाल क्षेत्र में सबसे अधिक किसानों को डर की माहौल बना रहता है। क्योंकि किसान कितना मेहनत एवं खर्च करके फसल तैयार किया रहता है। और वहीं जंगली हाथी द्वारा फसल को नुकसान कर किसानों की मेहनत को मिट्टी में मिला देता है। वही सरकार द्वारा भी सही दर से कोई नुकसान फसल की मुआवजा राशि भी नहीं मिल पाती है। जिससे किसानों को अपने खून पसीने की कमाई और खर्च समेत समय भी खोना पड़ता है। और आश्चर्य की बात है कि किसी किसी को मृत जनहानि होने पर सिर्फ 5 लाख रुपए की राशि दी जाती है, क्या 5 लाख रुपए में परिवार के खोए हुए व्यक्ति से दुःख की घाव भर सकता है?? वही सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक अध्यक्ष- महेन्द्र सिदार कई बार आवेदन निवेदन किया कि मुआवजा राशि की राशि बढ़ाया जाय। वही किसानों की अगर फसल नुकसान होती है तो सरकार द्वारा तय की गई मूल्य दर के बराबर मुआवजा राशि प्रदान करें, एवं कोई जनहानि होती है तो 50 लाख रुपए राशि एवं योग्यता अनुसार परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर सभी छाल क्षेत्र के ग्रामीणों के साथ कई बार सड़क पर आंदोलन में जारी किए है।
संबंध में महेंद्र सिदार ने कहा कि हमने लगातार पिछले वर्षों से हमारी पिछड़े हुए, आदिवासी समाज एवं सभी वर्गों के आमजनताओं के समस्याओं एवं मुलभूत सुविधाओं को लेकर कई बार सरकार मांग करते रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि जब तक हमारी समस्या की समाधान नहीं होगा तब तक हमारी किसानों की समस्या को लेकर संघर्ष करते रहेंगे। जबतक हमारी मूल भूत सुविधाओं समस्या की समाधान नहीं होता तब तक हम आमजनताओं की सेवा में उनके हित के लिए हमेशा तत्पर हैं, और आगे भी हमेशा जारी यह संघर्ष कार्य जारी रहेगा।