धरमजयगढ़। सरकारी स्कूलों में शासन प्रशासन की व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। रसोइयों को इसलिए निुयक्त किया गया है,कि वह खाना बनाने, परोसने के साथ बर्तन भी साफ करेंगी। लेकिन विकासखंड धरमजयगढ़ में ऐसा नहीं हो रहा। मामला विकासखंड के ग्राम पंचायत पारेमेर में स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल में मासूम बच्चों को ही बर्तन साफ करने पड़ रहा है।शासकीय प्राथमिक स्कूल में शिक्षक स्टाफ,रासोईया,भृत्य की कमी नहीं है।उनको बराबर तनख्वाह व मानदेय मिल रहा है। उसके बाद भी मासूम बच्चों को मध्यान्ह भोजन करने के बाद स्वयं ही बर्तन साफ करने पड़ते हैं। बुधवार की दोपहर 1:15 बजे स्कूल परिसर में ऐसे बच्चे जो ठीक से अपने हाथ से पानी भरकर पी नहीं सकते, वह हैडपंप पर झूलते नजर आए, कुछ हैडपंप चला रहे थे, अन्य बच्चे अपने बर्तन साफ कर रहे थे। वहीं हैंडपंप के आसपास बड़े बड़े गहरे खाई भी है। खास बात तो यह है इस दौरान अगर कोई हादसा भी हो जाता तो उन मासूम बच्चों को कोई देखने वाला भी उनके पास नहीं था। बच्चों की मानें तो मध्यान्ह भोजन भी मैन्यू के अनुसार नहीं मिल रहा है। रोजाना वही आलू की सब्जी मिल रही हैं। रोटी कभी नसीब नहीं होता है।और खाना देने के बाद रसोइया अनुपस्थित थी, भृत्य भी स्कूल में नहीं था। और बड़ी बात शिक्षक भी गायब रहे,जिसकी जानकारी बच्चों को नहीं है। लेकिन यहां पर सवाल खड़ा होता है, क्या विकासखंड शिक्षा विभाग के आला अधिकारी समय समय-समय निरीक्षण करने नहीं पहुंचते होंगे? या फिर विकासखंड के स्कूलों का हाल ही ऐसा है?