◆ लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार का प्रदेश की भाजपा सरकार पर तंज…
◆ 15 अगस्त के दिन चखना सेंटर में परोशा गया चिकन मटन और विदेशी शराब???…
रायगढ़। जिले के नगर पंचायत लैलूंगा में स्थित शराब दुकान में अहाता के लिए पर्याप्त जमीन नहीं होने के कारण शासन द्वारा आज तक अहाता का टेंडर नहीं किया गया है। इस मौके का फायदा उठाकर आबकारी विभाग रायगढ़ के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा लैलूंगा के नामी शराब कोचियों के मार्फत निजी अहाता संचालित कराकर संचालकों से उनकी कमाई का एक मोटा हिस्सा का बंटवारा के रूप में लिये जाने की खबर चौक-चौराहों में चर्चाये आम है। आबकारी नीति की अगर बात करें तो शराब दुकान के अगल-बगल खाने-पीने के पदार्थ की बिक्री प्रतिबंधित है, जबकि आबकारी विभाग की सह पर लैलूंगा स्थित शासकीय शराब दुकान के अगल बगल चखना सेंटरो का जाल बिछा हुआ है । हद तो तब हो गई जब एक शराब कोचिया के द्वारा उसी भवन में चखना सेंटर खोल दिया गया जिस काम्प्लेक्स में शासकीय शराब दुकान स्थित है। इस संबंध में स्थानीय रहवासियों द्वारा कलेक्टर रायगढ़ के समक्ष जनदर्शन में शिकायत पेश की गई थी जिस पर कलेक्टर द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत लैलूंगा को जांच अधिकारी नियुक्त कर शिकायत जांच का आदेश दिया था । मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पंचायत लैलूंगा ने अपनी जांच रिपोर्ट में शिकायत को सही पाते हुए शराब दुकान को अन्यत्र स्थानांतरित करने का सिफारिश किया जा चुका है । आम जनता द्वारा शराब दुकान के संबंध में प्रेषित शिकायत का कद कोचियों एवं चखना सेंटर के मार्फत हो रही मोटी कमाई से शायद बहुत छोटा है, लोगों का यह भी मानना है कि जनदर्शन में प्रस्तुत शिकायत की फाइल आबकारी ऑफिस रायगढ़ में धूल खाती नजर आ रही होगी। लैलूंगा में कोई बाईपास सड़क नहीं है इस कारण गांव की बेटियां शिक्षण हेतु अपने गंतव्य पर जाते समय प्रतिदिन अपमानित होकर मजबूरी में इस शराब एवम चखना सेंटर के सामने से होकर गुजरने को मजबूर सी लगती हैं। शिकायतकर्ता के बताए अनुसार हद तो तब हो गयी जब सहायक आयुक्त आबकारी ने कहा जहां भीड़ भाड़ रहेगी वही तो दारू बिकेगा हमें तो दारू बेचने से मतलब ।शराब दुकान के अगल-बगल के कोचिये एवं चखना सेंटर के संचालक कहते हैं मंथली दिया जाता है आबकारी विभाग को उन्हीं के इशारे पर तो यह सब चल रहा है तुमको जिससे शिकायत करना है कर लो हमारा रायगढ़ वाला बॉस सब को देख लेगा ।स्थानिय समाज सेवकों एव्म जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कई बार इस समंध में आवाज उठाया गया पर आज तक कोई कार्यवाही नही होना अपने आपमे कई सवालों को जन्म देता है। अब देखना यह होगा कि खबर प्रकाशन के बाद आबकारी विभाग इस दिशा में क्या रणनीति अपनाकर कार्यवाही करता है।