सड़कों की दुर्दशा को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन!

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धरमजयगढ/ नई आवाज- छत्तीसगढ़ में सत्ता बदली,सरकार बदल गई, प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी बदले गये, लेकिन रायगढ़ जिले के सड़क की दुर्दशा में बदलाव अभी तक नहीं आ पाई है। रायगढ़ जिले के आम जनता आज भी सड़क की दुर्दशा पर कहीं ना कहीं खुदको मुसीबत में घिरे हुए महसूस कर रही है।

आपको बता दें,रायगढ़ जिले में सबसे बड़ी और गंभीर समस्या कहें तो सड़क को मानी जाती है, क्योंकि यहां के कई नेताओं, आमजनताओं द्वारा सड़कों की दुर्दशा को लेकर सड़कों पर उतर कर चक्काजाम कर अपना मांग वा प्रदर्शन कर चुके। लेकिन फिर भी सड़क की समस्या आज भी जस के तस बनी हुई है, आज भी वही परानी धूल धक्कड़ उबड़-खाबड़ सड़कों में गुजरते हुए,जिसमें कई दुर्घटना होती रहती है, जो की क्षेत्र में बहुत ही अब नींदनीय का विषय है।

और एक बार फिर सड़क के दुर्दशा मुद्देको लेकर छग सर्व आदिवासी समाज धरमजयगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष महेन्द्र सिदार ने एसडीएम के हाथों ज्ञापन सौंपकर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री से गुहार लगाया है, और मांग किया है, कि हमारी समस्या की समाधान जल्द करें। उन्होंने पत्र में लिखा है कि,वर्तमान में उपरोक्त सड़क का निर्माण कार्य श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राईवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जा रहा है, उक्त ठेकेदार द्वारा खरसिया से छाल मार्ग में विगत वर्ष लगभग 5-6 कि.मी. में डामरीकरण का कार्य संपादित किया गया था जो कि बीते वर्षा ऋतु में पूरी तरह से उखड़ गया है व वर्षा के कारण उक्त मार्ग में जगह-जगह पर बड़े-बड़े जानलेवा गट्टे निर्मित हो गये है।जिसमें भारी वाहनों के निरन्तर आवाजाही के चलते धूल की समस्या प्रमुख रूप से है।

इस मार्ग में आने-जाने वाले आम ग्रामवासियों में हमेशा दुर्घटना का भय तथा किसी भी समय भयंकर हादसे की आशंका बनी रहती हैं। इस क्षेत्र में स्थित एसईसीएल की खदानें जिनमें प्रतिदिन लगभग 400-500 ट्रिप कोयले की गाड़ियाँ संचालित होती है और इन गाड़ियों का औसत वजन 60-75 टन तक होता हैं इन भारी वाहनों के निरन्तर आवागमन से यह सड़क अत्यधिक जर्जर हो चुकी हैं। उक्त मार्ग में डामर के स्थान पर सीमेन्ट क्रांकीट से सड़क बनाने पर ही इसकी स्थिति में सुधार हो सकता है अन्यथा इसकी स्थिति दिनों-दिन खराब होती रहेगी ।इस क्षेत्र में कोल माईन्स की स्थापना हेतु हमारे आदिवासी समाज द्वारा अपनी भूमि शासन को हस्तांतरित की गई थी, उक्त भूमि से शासन द्वारा निरन्तर कोयला निकाला जा रहा हैं जिससे प्रतिवर्ष शासन को अरबों रूपये का मुनाफा मिल रहा है, परन्तु इससे हमें किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल सका है। हमारे द्वारा शासन को यह सोचकर भूमि दी गई थी कि इस क्षेत्र का बेहतर विकास हो सके, यहाँ के आदिवासी समाज के लोगों को आवश्यक मूलभूत सुविधायें, उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं इत्यादि का लाभ मिल सकें। किन्तु वर्तमान में इस क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा होने लगा है।शासन की अनदेखी के चलते आम लोगों को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, जिसका जल्द से जल्द निवारण करना अति आवश्यक है ।हमारी ओर से प्रशासन को यह विनती है कि उक्त सड़क मार्ग के निर्माण कार्य पूर्ण होने तक प्रतिदिन नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाये तया यथाशीघ्र उक्त मार्ग का समतलीकरण किया जाये। इस देश में जहाँ भी कोल माईन्स की खदानें स्थित है वहाँ पर अनिवार्य रूप से सीमेन्ट कांक्रीट सड़क का निर्माण किया गया है जिसे देखते हुये इस मार्ग का भी सीमेन्ट कांक्रीट से निर्माण कराना यहाँ की आम जनता व इस क्षेत्र में कार्यरत् व्यवसायियों की दृष्टि से अतिआवश्यक है। आगे उन्होंने पत्र में निवेदन करते हुए लिखा है, कि माननीय मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ शासन के संबंधित पदाधिकारीगण उक्त समस्या अत्यधिक गंभीर है, जिस पर आपकी शीघ्र कार्यवाही की आवश्यकता है। और इस संबंध में आपके द्वारा त्वरित कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में हमारे द्वारा विशाल जन-आन्दोलन की जावेगी।

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