धरमजयगढ । आए दिन लापरवाह एवं विभाग की छवि धूमिल करने वाले शिक्षक पर शिक्षा विभाग कड़ी कार्यवाही कर रही है, लेकिन वहीं आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष महेन्द्र सिदार ने अधिकारियों पर आदिवासी कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि आये दिन हुए, शिक्षकों के खिलाफ लगातार कार्यवाही पक्षपात होना बताया । महेंद्र सिदार ने कहा कि शिक्षक छवि साफ सुथरा होना चाहिए, किसी भी शिक्षक को शराब पीकर स्कूल जाने का अधिकार नहीं हैं, शिक्षक को शिक्षण संस्था को भय मुक्त बनाना चाहिए ताकि बच्चे बिना भय डर के पढ़ाई कर सकें। कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग ने ऐसा ही एक शराबी शिक्षक नशे के हालत में शाला में पाए जाने पर एवं शराब के नशे में एक स्कूली बच्चे की पीटाई करने पर मीडिया में खबर आने के बाद शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्यवाही करते हुए तत्काल निलंबित कर दिया है। वहीं शिक्षा विभाग का कार्यवाही निर्णय का स्वागत योग्य कहा। लेकिन वहीं आगे उन्होंने कहा शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को किसी के साथ भेद भाव नहीं करना चाहिए, चाहे किसी भी वर्ग के कर्मचारी हो, लेकिन धरमजयगढ़ में शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जिस प्रकार से एक आदिवासी शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है, उसी तरीके से खम्हार पूर्व माध्यमिक शाला के हेडमास्टर आरिफ सिद्धिकी के ऊपर भी कार्यवाही करना होना चाहिए,क्योंकि 3 सितंबर को शिक्षक आरिफ सिद्धिकी द्वारा एक नाबालिग छात्रा के साथ मारपीट किया है। मारपीट करने वाली खबर अखबारों की सुर्खियां बनी इसके बाद भी शिक्षा विभाग अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया है। विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी धरमजयगढ़ द्वारा खम्हार के शिक्षक को बचाने के लिए बार-बार बयान लिया जा रहा है। जिसमें शिक्षा अधिकारी का कार्यशैली संदेहात्मक नजर आ रही है। और यदि कार्यवाही हो तो सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक समान होना चाहिए, आगे उन्होंने कहा यदि शिक्षा अधिकारी ऐसा करने में असमर्थ रहा, तो हम आंदोलन करने बाध्य होंगे।








