लैलूंगा/ रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड अंतर्गत लगभग सभी विभागों में बाबुओं का राज लंबे समय से कायम है। और बाबूओ का पारा सर चढ़कर बोल रहा है अभी कुछ दिन पहले ही शिक्षा विभाग के बाबू का काला कारनामा उजागर हुआ था उसके बाद उन्हें प्रशासन ने उसे मजबूरी वश सस्पेंड किया गया किसी भी विभाग में कोई भी जानकारी के लिए बाबुओं के पास जाओ तो उनका नाक भौ सिकुड़ने लगता है शासन के प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी देने में पता नहीं बाबुओ को कौन सा बुखार चढ़ जाता है नियमों का हवाला देकर मीडिया कर्मियों और जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर जानकारी दबाने का प्रयास करते हैं। कई सालों से एक ही जगह में पदस्थ बाबुओं तथा इंजीनियर ठेकदारो गिरफ्त में इस कदर हावी है की नियम कानून उनके सामने कुछ नही है। केवल नियमो का हवाला उन्ही को दिया जाता जिन्हे उनसे ये डर है की कही हमारा काले कारनामे का भांडा फोड़ न कर दे कई जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत दर्जनों ग्राम पंचायत भ्रष्टचार के आखंड में डूबा हुआ की कागजों में ही महीनों पूर्व कार्य दिखा कर राशि आहरण कर अपनी डफली अपना राग अलापा जाता है।
सत्ता बदल गई सियासत बदल गई लेकिन नहीं बदले लैलूंगा ब्लॉक में पदस्थ बाबूओ के अड्डे
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हुए लगभग तीन माह हो गए हैं जनता ने सरकार तो बदल दिया पर सरकार इन बाबुओ को नहीं बदल पा रही है न जाने कौन सी मजबूरी है सरकार के पास एक तरफ देश के संवेदनशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय विभिन्न माध्यमों से अपनी जनता को राहत देने के लिए योजनाएं और अभियान चला रहे है दूसरी तरफ ये अधिकारी कर्मचारी उनके मंसूबे में पानी फेरते नजर आ रहे है। केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार जो जनहित के कार्यों के लिए ग्राम पंचायतो तथा अन्य विभागों को राशि जारी करती है उससे जो कार्य कराए जाते हैं उसकी जानकारी कार्यालय में अधीनस्थ बाबुओं से मांगने पर जानकारी को दबाने का प्रयास किया जाता है बाबुओं के द्वारा वहीं पर बिचौलियों को चाय पानी के साथ फाइल देखकर जानकारी प्रदान की जाती है ऐसे बाबुओ और बिचौलियों की मिली भगत से भ्रष्टाचार के इबादत गड़ी जा रही है अब देखना यह होगा की ऐसे भ्रष्ट बाबूओ पर कार्यवाही करने के लिए प्रशासन कब मेहरबान होता है।
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