नई आवाज/रायगढ़ – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार द्वारा बालक/बालिकाओं के गुमशुदगी से संबंधित धारा 363 आईपीसी के मामलों की समीक्षा में जांच पर असंतोष जाहिर करते हुए समस्त थाना/चौकी प्रभारियों को इन प्रकरणों में लगातार विवेचना, पतासाजी कर अधिक से अधिक गुम बालक/बालिकाओं को दस्तयाब करने के निर्देश दिए गए हैं, निर्देशों के पालन में थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव अहेर द्वारा धारा 363 आईपीसी के लंबित अपराधों की केस डायरी की समीक्षा कर विवेचकों से प्रगति रिपोर्ट ली गई जिसमें 24 नवंबर को थाना चक्रधरनगर क्षेत्र से लापता हुई किशोर बालिका के मामले में (अप.क्र.-622/2023) जांच दौरान जानकारी मिली कि गुम बालिका द्वारा किसी अंजान नंबर से कॉल कर उसके घर वालों को झारखंड में होना बताई थी, जिसके बाद वह मोबाइल नंबर बंद था ।थाना प्रभारी चक्रधरनगर द्वारा उक्त नंबर का पूरा डिटेल निकलवाकर सहायक उप निरीक्षक नंद कुमार सारथी के नेतृत्व में टीम तैयार कर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अनुमति प्राप्त कर गुम बालिका पतासाजी के लिये पुलिस टीम झारखंड रवाना किया गया । टीम द्वारा बालिका की पतासाजी करते हुये झारखंड के जिला सिमडेगा पहुंची । जहां थाना पाकरटांड गांव में गुम बालिका मिली । बालिका से पूछताछ करने पर बताई कि उसके माता-पिता आए दिन घर में झगड़ा विवाद करते थे, घरेलू झगड़ा विवाद से परेशान होकर अपने परिचित के घर सिमडेगा आ गई थी । चक्रधरनगर पुलिस द्वारा बालिका का काउंसलिंग कराकर उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया है । थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक प्रशांत राव आहेर, सउनि नंद कुमार सारथी, प्रधान आरक्षक हेम प्रकाश सोन, आरक्षक विनोज लकड़ा और महिला आरक्षक एलिसा टोप्पो की गुम बालिका की पतासाजी में विशेष भूमिका रही है।