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महिला शिक्षिका से मानसिक प्रताड़ना, परेशान शिक्षिका ने विभाग से की शिकायत!


रायगढ़ :-वैसे तो शिक्षा की मंदिर बच्चों को उचित शिक्षा देना और उन्हें नए रास्ते दिखाकर राष्ट्र का निर्माण करना इत्यादि है लेकिन जिस स्कूल में बच्चों को शिक्षा देने वाले महिला शिक्षिका ही स्कूल के प्राचार्य और स्टाफ से प्रताड़ित हो उस स्कूल की बच्चों को उचित शिक्षा मिलने की कल्पना करना ही मूर्खता होगी ऐसे ही एक शिक्षक एक स्कूल है रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड में जिसे पूर्ववर्ती सरकार ने बच्चों की अच्छा शिक्षा देने के उद्देश्य से स्वामी आत्मानंद के नाम से उन्नयन किया गया है ।

बात हो रही है शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लारी पानी जहां पर पूर्व प्रभारी प्राचार्य महेश राम नाग और वर्तमान प्रभारी प्राचार्य बिंदु एक्का एवं वर्तमान बोर्ड प्रभारी कोमल सिंह तोमर के द्वारा संस्था में पदस्थ कुमारी पूर्णिमा अनंत जो व्याख्याता है अंग्रेजी विषय के शिक्षिका है और अनुसूचित जाति से है उक्त महिला शिक्षिका को प्रभारी प्राचार्य वा संस्था में पदस्थ अन्य स्टाफ सामान्य व्यवहार नहीं करते महिला शिक्षिका प्रतिदिन स्कूल शासन के निर्धारित समय पर पहुंच जाती है पर प्रभारी प्राचार्य के द्वारा उसे प्रताड़ित करने के उद्देश्य से शिक्षक उपस्थिति पंजी को या तो लाकर में बंद कर देती है या अपने साथ अपने निवास स्थान लेकर चली जाती है उनके द्वारा उपस्थिति पंजी की मांग करने पर प्राचार्य के द्वारा अन्य स्टाफ को मना किया जाता है सभी हमें नही पता कहते है। अपने पास नहीं होने की बात कहती हैं स्टाफ के अन्य साथियों से भी बात करने पर पंजी की जानकारी नहीं होना बताया जाता है जिस कारण से उपस्थिति स्कूलों में प्रमाणित नहीं हो पाती है वह प्रतिदिन बच्चों को अध्यापन कराती है डायरी मेंटेन करती है।

और निर्धारित समय तक स्कूल में रहकर अपनी कर्तव्यों का निर्वहन करती है जिसका प्रमाण संस्था के पढ़ाए गए बच्चे दे देंगे उसके बावजूद भी प्रभारी प्राचार्य वा अन्य स्टाफ के द्वारा क्यों इनके साथ भेदभाव करते हैं समझ से परे हैं वह स्कूल में अनुसूचित जाति महिला कर्मी के रूप में अकेली है क्या उनके साथ जातिगत दुर्भावना बस ऐसा किया जाता है या बात कुछऔर है या किसी के कहने से ऐसा किया जाता है प्रभारी प्राचार्य के द्वारा स्कूल फीस के नाम पर ,स्थानारण प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर,इंस्पायर अवार्ड के नाम पर पैसा लेना बच्चो का शोषण करना आम बात हो गई प्रभारी प्राचार्य के द्वारा अपने चहेते शिक्षक शिक्षिकाओं को मनचाहा छुट्टी देना पढ़ाई करने न करने पर भी कुछ नही कहना जैसे बातो को महिला शिक्षिका द्वारा विरोध करने पर देख लेने को धमकी दिया जाता है जबकि पीड़िता शिक्षिका का आवेदन देने पर भी पंजी में एंट्री ना करके अफसेंट लिखना स्पष्ट दर्शाते है की महिला शिक्षिका के साथ मानसिक प्रताड़ना जोरो पर है।


स्कूल के प्रभारी प्राचार्य अन्य स्टाफ के साथ तोमर सर की उनके प्रति व्यवहार ने उनको बहुत ही दुखी कर दिया है जिससे उनका स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन मानसिक रूप से चिंतित है और विगत 9 माह से पूरा प्रयास किया जा रहा है वेतन रोकवाने का । ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी अनुपस्थित किया गया जबकि उनके द्वारा निर्वाचन कार्य किया गया । विद्यार्थियों और अन्य स्टाफ को भी आने और बात करने से सबके द्वारा मना किया भी जाता है। तो मना किया जाता है तो पढ़ना पढ़ाना संभव कैसे होगा। तंग करने वाले कर्मचारी का नाम- बिंदु एक्का, कोमलसिंह तोमर,महेश राम नाग,सत्यवती सिदार,सहदेव साय,मंजू साहू ,वर्षा कौशिक,सुभाष चंद्र भोय।

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