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भोले भाले ग्रामीणों को रुपए का प्रलोभन देकर मानव तस्कर ने बाहर राज्य में बनाया बंधवा मजदूर, मजदूरों ने लगाया मीडिया से गुहार!

धरमजयगढ। जब हम गुलामी प्रथा या बंधुआ मजदूरी की बात सुनते हैं, तो ऐसा लगता है, मानो यह महज इतिहास की बात है। लेकिन हकीकत यह है कि आधुनिक रूप में ऐसी चीजें आज भी मौजूद हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी) के आंकड़ों से इस भयावह सच का पता चलता है।
वहीं आज भी गांव देहात में मानव तस्कर जाकर गरीब लोगों को अपने ही राज्य के अंदर ही अधिक रूपए कमाने का लालच देकर गरीब मजदूरों को बाहरी राज्यों में ले जाकर बड़े बड़े बोरवेल कंपनी में काम में लगागर मजदूरों का कंपनी वालों से सौदा करके बंधवा मजदूर बना देते हैं। और मजदूरों को मालिक मिलने वाली सारी मेहताना राशि लेकर चले आते हैं। और वहीं भोले भाले लोग बंधवा मजदूर बनकर कोल्हू के बैल के तरह काम करने में मजबूर हो जाते हैं।

ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ के कापू थाना क्षेत्र से आया है। जहां पर बाहर राज्य बैंगलोर में भोले भाले ग्रामीणों को बंधवा मजदूर बना दिया गया है।
दरअसल बंधक मजदूरों में से एक मजदूर जिसका नाम निंगराज निवासी ग्राम पंचायत पारेमेर थाना कापू ने फोन के माध्यम से मीडिया को बताया कि वे बैंगलोर में फंसे हुए हैं। निंगराज ने बताया कि उनके साथ में कुल आठ व्यक्ति बोरवेल कंपनी में कार्यरत फंसे हुए हैं। उनको वहां पर न तो वेतन मिल रहा है न ही घर आने लिए छुट्टी। केवल और केवल पेट भर भोजन और कोल्हू के बैल की तरह काम करवाया जा रहा है। आगे उन्होंने बताया वहां पर काम कराने के लिए गणेश यादव कोतबा फिटींगपारा निवासी ने गांव में आया, और गांव के लोगों को बहला फुसलाकर एक महीने में 12500 रुपए मिलेंगे, छत्तीसगढ़ के अंदर में काम दिलाऊंगा बोलकर गांव से लेकर आया। और हमें बैंगलोर में लाकर एक बोरवेल कंपनी के मालिक के पास काम में रख दिया। फिर हमने कहा हम कहां पर है,तो गणेश यादव ने कहा छत्तीसगढ़ ही है, और आप अच्छे से काम करो,जब चाहोगे तब छुट्टी मिल जायेगा। फिर हमने काम करना शुरू किया। वहीं तीन चार दिन में हमें पता चला कि हम छत्तीसगढ़ में नहीं बल्कि बैंगलोर राज्य में हैं, फिर हमने फोन लगा कर हमारे एजेंट को बोले कि आपने तो हमें बैंगलोर में छोड़ दिया है ,तब गणेश यादव ने कहा छत्तीसगढ़ में कहां ज्यादा रुपए मिलेंगे तुम लोग अच्छे से काम करो,जब छुट्टी कराना रहेगा तो बताना। लेकिन आज हम घर जाने के लिए मालिक को बात करते हैं, तो मालिक द्वारा अभी छुट्टी नहीं मिलेगा, तुम लोगों गणेश यादव को पैसा दे चुका हूं, कैसे छुट्टी मिलेगा। जब तक गणेश यादव नहीं आयेगा, तुम लोगों को छुट्टी नहीं मिलेगा।
आगे मजदूर निंगराज ने अपनी दुखभरी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनको वहां पर फंसाया गया है। एक महीने का नाम लेकर कई महीनों तक काम कराया जा रहा है। जिससे बहुत दुःखी हैं। आज वहां से छुट्टी नहीं मिल पा रही है,बंधवा मजदूर बनकर काम करना पड़ रहा है। आगे उन्होंने कहा कि यदि एक दो दिन में छुट्टी नहीं मिलेगा तो वे कुछ भी करने को मजबुर हो जायेंगे। और वहीं उन्होंने कहा कि छुट्टी के लिए एजेंट को कहते हैं,तो एजेंट गणेश यादव द्वारा धमकी चमकी करते हुए फोन काट दिया जाता है।
पुरा मामला सुनने के बाद मीडिया की तरफ से मजदुरों को धैर्य बनाए रखने की सलाह दी गई है। और मानव तस्कर गणेश यादव के खिलाफ कार्रवाई करवाते हुए सकुशल घर वापस कराने की बात कही है।
और संबंध में हमने फोन के माध्यम से एजेंट गणेश यादव से संपर्क किया तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और वहीं बाद में पुनः संपर्क करने पर लगातार फोन काट दिया जा रहा है। जिससे साफ पता चलता है,कि एजेंट मानव तस्कर गणेश यादव कितना बड़ा शातिर है।

लेकिन वहीं लगातार मानव तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी दलाल मानव तस्करों का खेल नहीं थम रहा है। जिसकी शिकायत जल्द ही थाने में की जावेगी, और मानव तस्करों पर सख्त कार्रवाई कराई जाएगी।

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