धरमजयगढ। जनपद पंचायत धरमजयगढ के ग्राम पंचायतों में इन दिनों जिला पंचायत रायगढ़ के आदेशानुसार मनरेगा के कार्यों की गुणवत्ता व उपयोगिता की जांच के लिए सोशल ऑडिट का कार्यक्रम चल रहा है। जिसे पारदर्शी तरीके से करने के लिए सभी कार्मिकों को पारदर्शिता से काम करने के निर्देश दिए गए है। ग्राम पंचायतों में जिन योजनाओं के तहत निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वहाँ गुणवत्ता, महत्व और उपयोगिता का निर्धारण ग्रामीण भागीदारी से निरीक्षण में आमजन को भी भागीदार बनाएं। चल रहे अंकेक्षण में 15वें वित्त आयोग, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन व महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत किए गए विकास कार्यों का अंकेक्षण किया जा रहा है। और वहीं कुछ पंचायतों में निर्देशित आलाधिकारी कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है । जहां पर अपने कार्य को छोड़कर मेहमान नवाजी करने में लगे हुए हैं।
पुरा मामला जनपद पंचायत धर्मजयगढ़ के ग्राम पंचायत कटाईपाली सी का है। जहां मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास अंतर्गत हुए कार्यों का सामाजिक निरीक्षण हेतु कलेक्टर जिला रायगढ़ की आदेश क्र.48/ जी प / सा. अ./2024-25 के आदेश अनुसार ग्राम पंचायतों में अंकेक्षण करने वाले आडिटर ही पंचायत से गायब रहे। वही नियमानुसार गांव में ऑडिट करने के दौरान गांव के ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए रहती है। और वही दीवार लेखन प्रचार पसार गांवों में कोटवार द्वारा हांका डलवाया जाता है। लेकिन ग्राम पंचायत में ऐसा कुछ भी नहीं है। संबंध में हमने ग्रामीणों को आडिट के संबंध में चर्चा करने पर पूरे गांव में किसी भी ग्रामीणों को कोई जानकारी नहीं है। वहीं ग्राम पंचायत में आज आदेश अनुसार चार दिन बीत जाने के बाद भी आडिटर ग्राम पंचायत से नादरत रहे। यहां पर सवाल उठना लाजिमी हो जाता है कि आखिरकार आडिट के समय आडिटर सामाजिक अंकेक्षण प्रदाता सहित ग्राम पंचायत से गायब रहे तो फिर सामाजिक अंकेक्षण आखिर किस आधार पर तैयार की जाएगी?? और वहीं हमारा पैसा हमारा हिसाब पर ग्राम पंचायतों में हुए विकास कार्यों का किया जा रहा सामाजिक अंकेक्षण किस आधार पर तैयार होगी??
और वहीं मजे की बात तो यह है कि ग्राम के रोजगार सहायक सचिव भी ग्राम पंचायत कार्यालय से नदारद रहे। इसके संबंध में हमने ग्राम की रोजगार सहायक सचिव से जानकारी हेतु फोन कॉल के माध्यम ग्राम रोजगार सहायक यादराम डनसेना से संपर्क करने पर जानकारी मिली कि कटाईपाली सी में पदस्थ ब्लाक सोशल आडिटर अपने किसी मित्र के पास घूमने गया है। और ग्राम पंचायत सोशल अडिटर अनुपस्थित है। अब स्पष्ट है कि क्या ग्रामीण मजदूरों का मजदूरी राशि वर्षो बीतने के बाद भी नही मिल पा रही है। जिसकी जांच हेतु आये, आला अधिकारी कर्मचारियों द्वारा ऐसा कृत्य किया जा रहा है। तो मजदूरों को सम्पूर्ण जानकारी कौन देगा? अब यह देखने वाली बात होगी कि खबर प्रशासन के बाद ऐसी लापरवाही बरतने वाले शासन की आदेश का धज्जियां उड़ाते कर्मचारियों के ऊपर कार्यवाही क्या होती है?? ये आने वाली समय ही बताएगा।
इधर मामले को लेकर क्या कहते हैं डीएस ए एफ जितेंद्र टंडन –
जब फोन कॉल के माध्यम से संपर्क किया गया तब तो डीएसएएफ द्वारा गोल मोल जानकारी देते हुए, कहा कि और जानकारी चाहिए तो जिला पंचायत ऑफिस में मिलो। यानी कि उनके बातों से स्पष्ट कहा जा सकता है, कि सीधे तौर पर अपनी जिम्मेदारी से कहीं न कहीं भागते नजर आये।