फ्लाई ऐश वाहन के चलते राहगीर परेशान, स्थानीय प्रशासन मौन क्यों?

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धरमजयगढ। क्षेत्र में भारी वाहनों द्वारा फ्लाई ऐश (उड़न राख) का परिवहन स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। उड़ती धूल और राख के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, वहीं सड़क पर आने-जाने वाले वाहन चालक और पैदल यात्री भी परेशान हैं।

राहगीरों को हो रही कठिनाइयाँ– रोज़ाना सड़कों से गुजरने वाले राहगीरों का कहना है कि फ्लाई ऐश लदे ट्रकों से उड़ने वाली राख के कारण उन्हें धुंध जैसा माहौल झेलना पड़ता है। यह धूल आँखों में जलन, खांसी और दमा जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे रही है। स्थानीय लोगों ने बताया, “फ्लाई ऐश से भरे ट्रक बिना किसी सुरक्षा उपाय के दौड़ रहे हैं। इनके चलते सड़कें धूल से पट जाती हैं और राहगीरों को ठीक से दिखता भी नहीं है।”

सुरक्षा मानकों की हो रही अनदेखी– परिवहन नियमों के अनुसार, फ्लाई ऐश ढोने वाले ट्रकों को तिरपाल से ढककर ले जाना आवश्यक होता है ताकि राख हवा में न फैले। लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार, अधिकतर ट्रक इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। और वहीं स्थानीय लोगों मीडिया से शिकायत करते हुए कहा, “प्रशासन की लापरवाही के कारण ये ट्रक बेधड़क नियम तोड़ रहे हैं। न तो इनके ऊपर तिरपाल ढका होता है और न ही कोई मॉनिटरिंग की जा रही है।”

प्रशासन का उदासीन रवैया- स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई बार स्थानीय प्रशासन से शिकायत की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जब प्रशासन से संपर्क किया गया तो अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस पर जल्द कार्रवाई होगी, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा।

जनता की मांग – ट्रकों पर तिरपाल लगाना अनिवार्य किया जाए। – सड़क पर पानी का छिड़काव किया जाए ताकि धूल न उड़े। – नियम तोड़ने वाले ट्रकों पर जुर्माना लगाया जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो वे विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। अब देखना यह है, कि प्रशासन कब तक इस गंभीर समस्या पर ध्यान देता है,और क्या कदम उठाता है।

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