धरमजयगढ /नई आवाज – वैसे तो धरमजयगढ़ वनमण्डल क्षेत्र पूरी तरह से हाथी प्रभावित है, क्षेत्र में आए दिन हाथियों का राहगुजर व आवाजाही बनी रहती हैं, हालांकि इसे लेकर विभाग सजग सचेत जरूर नजर आती है। इसी बीच आपको बता दें,जंगल मे दावानल का समय भी आ गया है। ऐसे भीषण हालात में धरमजयगढ़ वन मंडलाधिकारी द्वारा जंगल को आग की लपटों से बचाने एक विशेष फायर कैम्प की व्यवस्था की गई है।इसमें बता दें,विभाग दावानल पर काबू पाने हर ओ संभव कवायद की दावा कर रही है। धरमजयगढ़ वन मण्डल क्षेत्र में जंगल को आग की लपटों से बचाने नवनीत फायर कैम्प की व्यवस्था की गई है जिसमे देखा जा रहा है। क्षेत्र का चौकीदार तैनात रहकर जंगल की रखवाली में लगा हुआ है वन आग की लपटों से सुरक्षित रहे यह मुख्य ध्येय है।इसी के मद्देनजर धरमजयगढ़ वन मण्डल अंतर्गत तमाम जगहों पर खासकर सड़क किनारे अस्थाई फायर कैम्प स्थापित की गई है जहाँ मौजूद चौकीदारों का अहम रोल नजर आ रहा है। दावानल अपना वृहद रूप न ले ले इसके लिए विभाग फिलहाल विशेष व्यवस्था की है। जंगल को आग से सुरक्षित रखने फायर कैम्प की व्यवस्था की गई है। जंगल आग से सुरक्षित हो इसके लिए मौके पे मौजूद फायर कैम्प के चौकीदार व संबंधित बीटगार्ड जमीनी स्तर पर लगातार तैनात देखे जा रहे हैं।
इसी बीच आपको बता दें,क्षेत्र में हाथियों की आमद भी बनी हुई है जो किसी विषम परिस्थिति से शायद कम नही है। आने वाला समय भी तेंदूपत्ता का है ।और हाथियों की मौजूदगी है। ऐसे हालात में जंगल में दावानल व मौजूद हाथियों की उपस्थिति संबंधित जमीनी स्तर के अधिकारी कर्मचारीयों के लिए फिलहाल एक चुनौती है।