नई आवाज/गौरेला पेंड्रा मरवाही – प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत जिले के पारंपरिक व्यवसायों से जुडे शिल्पकारों एवं कारीगरों का पंजीयन ग्राहक सेवा केन्द्र (सीएससी सेंटर) के माध्यम से किया जा रहा है। पंजीयन उपरांत उन्हे परम्परागत व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण, अनुदान, ऋण आदि से लाभान्वित किया जाएगा। योजना के तहत ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में स्थित ग्राहक सेवा केन्द्रों में जाकर आधार कार्ड, मोबाईल नंबर, बैंक पासबुक, राशन कार्ड के साथ पंजीयन करा सकते हैं। इसके बाद उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे ऋण लेकर कारोबार शुरू कर सकेंगे।महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र ने बताया कि इस योजना के तहत पंजीयन के बाद उनकेे पारंपरिक कौशल को निखारने के लिए 5 दिन का निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदाय किया जायेगा एवं 500 रूपये प्रतिदिन की दर से स्टाईफंड दिया जाएगा। उन्हें यंत्र एवं औजार के लिए 15 हजार रूपये की अनुदान सहायता राशि भी दी जाएगी।हितग्राहियों को पहले चरण में एक लाख और दूसरे चरण में दो लाख की वित्तीय सहायता के रूप में 5 प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक से ऋण लेने की पात्रता होगी। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसायों-बढ़ई, नाव बनाने वाले, अस्त्रकार, लोहार, लोहे के औजार निर्माता, तालासाज, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, संगतराश, चर्मकार (मोची) जूते बनाने वाले, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाडू व पैरदान बनाने वाले, गुड़िया एवं खिलौने बनाने वाले, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी एवं मछली पकड़ने का जाल निर्माता आदि को सम्मिलित किया गया है।