क्या पूर्व विधायक की राजनीतिक रसूख के आगे पुलिस का कद हुआ बौना…
अपराधियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदेश के किया धरना प्रदर्शन।
बालोद। पत्रकार पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने में हाथ पांव क्यों फूल रहे है थाना प्रभारी टीएस पट्टावी के। आखिर किस बात की घबराहट है थाना प्रभारी को? किसने मना पर रखा है, कार्यवाही के लिए? पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले को कई दिन बीत चुके है और हमलावर खुलेआम घूम रहे है वही पत्रकार संगठन भी इस मामले को लेकर पुलिस के जिम्मेदारों तक अपनी गुजारिश रख चुका है। पत्रकारों ने घटना पर नाराजगी जताते हुए गुरुर पुलिस पर अपराधियों का साथ देने की बात पर नाराजगी जताते गुरुर में सड़क किनारे धरना दिया। जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम “जबर थाना घेराव” में धरना प्रदर्शन और थाना घेराव के सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। 30 जुलाई 2024 की घटना के नौ दिन बाद भी हमलावरों की गिरफ्तारी ना होने से वे नाराज थे।
गुरुर में न्याय व्यवस्था चरमरा गई है, अगर जल्द पीड़ित पत्रकार को न्याय नहीं मिला तो जल्द ही उग्र आंदोलन कर मुख्य मंत्री और गृह मंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। “खाता न बही, वर्दी जो करे, वहीं सही।” यह कहावत बालोद जिले के गुरुर थाने के थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी पर सटीक बैठती है। जो अपने निजी लाभ के चलते एक तरफा कार्यवाही करने को लेकर चर्चा में रहते है। जहां पुलिस ने पत्रकार पत्रकार पर हुए कातिलाना हमले के मामले में दिखावटी कार्यवाही की और किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नही किया है। पत्रकार विनोद नेताम ने बताया कि पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा, सुमित राजपूत, साजन पटेल, ओंकार महल्ला, तुलेश सिन्हा और अन्य लोगों ने गाली गलौज करते हुए जानलेवा हमला कर जान से मारने की कोशिश की थी। बता दें कि बालोद जिले के गुरुर थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े एक पत्रकार पर कातिलाना हमला हुआ जिसके बाद पत्रकार अधमरी हालत में कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती भी रहा, लेकिन गुरुर पुलिस थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी के द्वारा कई दिन बीत जाने के बाद भी हमलावर आरोपियों को गिरफ्तार नही किया गया हैं। जानकारी के मुताबिक गुरुर पुलिस थाना प्रभारी तूल सिंह पट्टावी द्वारा आरोपियों को जान बुझकर गिरफ्तार नही किया जा रहा था जिससे कि पत्रकार पर जानलेवा हमले के आरोपी कोर्ट से अग्रिम जमानत ले सके। थाना प्रभारी अपने मंसूबे में सफल भी रहे जिसके बाद पत्रकार पर हुए कातिलाना हमले के मुख्य आरोपी पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा ने कोर्ट से अग्रिम जमानत भी ले ली। जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल व प्रदेश से कई जगह से आए पत्रकारों ने गुरुर थाने के करीब धरना दिया और थाना घेराव करने की कोशिश की। गुरुर के पत्रकार विनोद नेताम पर हुए कातिलाना हमले पर अपराधियों की गिरफ्तारी ना होने के विरोध में था। हालांकि इस मामले में थाना घेराव करने आ रहे विशाल जन समूह को रास्ते में ही रोक लिया जिसके बाद सड़क पर ही पुलिस के आला अधिकारी सीएसपी बागडे और सीएसपी चित्रा वर्मा ने जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल और वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला, पत्रकार विनोद नेताम, पत्रकार जितेंद्र जायसवाल, पत्रकार अमित मंडावी से बात की जिसके बाद जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद मामला ठंडा हुआ।धरना प्रदर्शन स्थल पर जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के नेताओं और पत्रकारों ने लोगो को संबोधित किया। जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा और साथियों द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विनोद नेताम पर जानलेवा हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पत्रकार विनोद नेताम के ऊपर जानलेवा हमला किया गया जो निराशाजनक व निंदनीय है। छत्तीसगढ़ सहित शहर में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। कांकेर से आए वरिष्ट पत्रकार कमल शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कानून का भय समाप्त हो चुका है। कानून व्यवस्था लचर हो गई है। छत्तीसगढ़ में पत्रकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसे छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामी कहेंगे। सरकार को इस मामले में दोषियों के ऊपर कड़ी जांच पड़ताल और कार्रवाई करनी चाहिए। हम पत्रकार के ऊपर हमले की निंदा करते हैं। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।रायपुर से आए पत्रकार जितेंद्र जायसवाल ने कहा कि पत्रकारों के ऊपर लगातार हमले से पत्रकारों के बीच भय का माहौल व्याप्त है, जो बहुत ही दुखद है। पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की सेवा में लगे रहते हैं एवं समाज के सामने अपराधियों का पर्दाफाश भी करते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। विगत वर्षों में राज्य में कई पत्रकार ऐसी घटना के शिकार हुए हैं। पत्रकारों और जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा हेतु आवश्यक कार्रवाई कर उन्हें पूर्ण सुरक्षा संरक्षण दिया जाए। जिससे कि वह अपना कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर सकें। पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। वही सत्तासीन राजनीतिक पार्टी भाजपा के युवा विंग भी इस मामले पर जिले में धरना प्रदर्शन कर पूर्व विधायक भैय्या राम सिन्हा का पुतला दहन भी कर चुके है। भाजपा के बालोद जिले के कद्दावर नेता राकेश यादव भी इस मामले पर बयान जारी कर चुके है कि मीडियाकर्मी पर जानलेवा हमला निंदनीय है। बता दें कि घटना मंगलवार 30 जुलाई की है जहां गुरूर मुख्यालय में ग्राम परसुली निवासी आदिवासी पत्रकार विनोद नेताम पर प्राणघातक हमला किया गया। कुछ लोगों और साथियों ने घायल पत्रकार को अस्पताल में भर्ती करवाया। हमले से विनोद नेताम के सिर पर गहरी चोट आई थी। विनोद नेताम से मारपीट मामले में पूर्व विधायक भैय्या राम सहित 5 लोगों के खिलाफ गुरूर थाने में धारा 191 (2), 296, 115 (2), 351(2) (3),140 (3) के तहत अपराध दर्ज किया गया था।
वे पत्रकार साथी अमित मंडावी के साथ गुरूर आकर मिष्ठान भंडार में नाश्ता कर रहे थे, तभी सुमित राजपूत और तुलेश सिन्हा जबरदस्ती अपने कार में बिठाकर पूर्व विधायक के कार्यालय में ले गए। बता दें कि पत्रकार विनोद नेताम को पर जानलेवा हमला करने की नियत से ये लोग इनके घर भी गए थे और उन्होंने पत्रकार विनोद नेताम की पत्नी और बच्चों के साथ भी बदतमीजी की।गुरुर में पत्रकार के ऊपर अपराधियों द्वारा किये गए प्राण घातक हमला के विरोध जिले के पत्रकार एक जुट हो गए है। प्रदेश में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमले सुशासन पर गंभीर सवालिया निशान हैं। पत्रकारों ने कहा कि जिस राज्य में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के साथी सुरक्षित नहीं हैं, उस राज्य की जनता भला कैसे सुरक्षित रहेगी। अपराधियों को चिन्हित कर उन्हें फौरन गिरफ्तार करने, घायल पत्रकार का सरकारी खर्च पर समुचित इलाज कराने एवं पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की गई है।बता दे की गुरूर टीआई टीएस पट्टावी पत्रकार पर हुए हमले की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कर रहे थे। काफी मशक्कत के बाद गुरूर टीआई ने उच्चाधिकारियों की फटकार पर पत्रकार विनोद नेताम पर हुए प्राणघातक हमले की रिपोर्ट दर्ज की है।