धरमजयगढ़ वनमंड़ल में फिर जंगली हाथी ने युवक की जान…. सरकार कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाती- महेन्द्र सिदार
रायगढ़। रायगढ़ जिला के एक ऐसा जिला है, जहां जंगली हाथियों का गढ़ बन चुका है,जिसमें धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत आज तक कई परिवारों की अपने (चिराग) आने वाली पीढ़ी खो दिए है, आज तक कई जनहानि हो चुकी है, क्षेत्र के अधिकतम गांव में मानव को जंगली हाथी के द्वारा मार दिया गया है। पर आज तक कोई सरकार द्वारा ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। वर्तमान में हाथी मानव का द्वन्द थमने का नाम नहीं ले रहा है कभी हाथी कि मौत तो कभी मानव कि मौत हो रही है, शासन प्रशासन मामले में कोई ठोस कदम उठाते नजर नहीं आ रही है।
जानकारी अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र से एक बड़ी घटना सामने आई है 28 अक्टूबर 24 कि रात लगभग 9 बजे जंगल हांथी खेदने गये युवक कि हाथी के हमले से मौत हो गई है। मौत कि सूचना पाकर घटना स्थल पर वन अमला मौके पर पहुंच आगे की आवश्यक कार्यवाही में जुट गए हैं। मिली जानकारी मुताबिक मृतक का नाम वेदराम पिता बरमसिह जाति कवर साकिन दुलियामुडा उम्र 35 वर्ष लगभग होना बताया जा रहा है। बता दें धरमजयगढ़ रेंज अंतर्गत परिसर कोईलार में आने वाले गांव दुलियामुडा के राजा जंगल में यह घटना घटित हुई है। जिसके बाद तत्काल विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंच शव को बरामद कर सिविल अस्पताल मर्चुरी में रखा गया है, जानकारी मुताबिक रात होने के कारण पीएम नहीं हो पाया है, लिहाजा आगे की अन्य कार्यवाही आज होगी, परिजनों को अंतिम संस्कार हेतु तात्कालिक सहायता विभाग द्वारा नियमानुसार प्रदाय की जाएगी।।
आदिवासी नेता महेन्द्र सिदार ने कहा कि सरकार से अब हमारी समस्या की समाधान करवा के रहेंगे, हमारी समाजिक रणनीति बन रही है, हमारी मांग है कि जनहानि में 50 लाख मुआवजा राशि एवं परिवार के सदस्य को एक सरकारी नौकरी, एवं सरकार के तय अनुसार फसल मुआवजा राशि मिले। हम 11 नम्बर को छाल तहसील घेराव एवं 15 नवम्बर को धर्मजयगढ़ में अपनी रैली कर सरकार तक अपनी विचार सुझाव पहुंचाएंगे, अगर जल्द अमल नहीं की जाएगी तो आगामी रणनीति के साथ है जिला मुख्यालय घेराव की बनेगी।