लैलुंगा/नई आवाज – यूनियन स्तरीय वर्ष 2023-24 के तेंदुपत्ता शाखकर्तन को लेकर वन विभाग द्वारा वनधन केंद्र कुंजारा (लैलुंगा) में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया।तेंदुपत्ता शाख कतरन कार्य शुरू होने से पहले वन मंडलाधिकारी धरमजयगढ अभिषेक जोगावत ने कार्यशाला आयोजित कर उपस्थित जनों को निर्देशित किया। वन धन केंद्र कुंजारा में आयोजित इस कार्यशाला में वन मंडल धरमजयगढ़ के अंतर्गत आने वाले सामान्य रेंजों में आगामी दिनों में तेंदूपत्ता शाखकर्तन का कार्य शुरू होने के पूर्व एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि रहे, राज्य लघु वनोपज संघ सदस्य हृदयराम राठिया के अध्यक्षता एवं वन मंडलाधिकारी अभिषेक जोगावत की विशेष उपस्थिति में प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर तेंदूपत्ता संग्रहण के पूर्व समस्त फड़ों तथा गांवों के पास वन एवं राजस्व क्षेत्र जहां तेंदू प्रजाति के वृक्ष बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं,उन क्षेत्रों में शाखकर्तन कार्य सावधानी पूर्वक कराए जाने को कहा गया, ताकि तेंदूपत्ता में बेहतर गुणवत्ता आ सके।
शाखकर्तन कार्य के 45 दिन के उपरांत तेंदूपत्ता तोड़ने लायक हो जाता है। उसके बाद तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के पूर्व क्षेत्र में कराए जाने वाले शाखकर्तन कार्य के संबंध में जानकारी दी। वन मंडलाधिकारी जोगावत ने कार्य को समय सीमा में किए जाने के साथ ही लापरवाही न बरतने के निर्देश भी दिए। शाखकर्तन का सभी संग्राहक साथ मिलकर करेंगे, जो राशि शासन द्वारा मिलेगी उस राशि को वहां के ग्रामीणों को मदद के लिए दी जाएगी। इस कार्य लिए गांव-गांव में बैठकें लेकर समझाइश दी जाने को कहा गया।
इस तेंदुपत्ता शाखकर्तन कार्यशाला आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि राज्य लघु वनोपज संघ के सदस्य हृदयराम राठिया ने उन्होंने उद्बोधन में कहा कि तेंदूपत्ता ग्रामीण अंचलों के लिए एक अच्छा आय का स्रोत है। अच्छे गुणवत्ता तेंदूपत्ता के लिए अच्छे से शाख कर्तन होना भी आवश्यक है। इसलिए सभी को गांवों में जाकर अच्छे से शाखकर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करना चाहिए ताकि गुणवत्ता युक्त उच्च क्वालिटी के तेंदूपत्ता की पैदावार अंचल में होने चाहिए। इसी क्रम में वन मंडलाधिकारी धरमजयगढ जोगावत ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि वन सम्पदा राष्ट्र की धरोहर है, इसे अवैध कटाई व आगजनी से बचाने के लिए आम इंसान को भी जागरूक होकर प्रयास करते रहना चाहिए। आगे उन्होंने विभिन्न विषयों पर चर्चा की तेंदूपत्ता पौधों की बूटा कटाई, तेंदूपत्ता तोड़ाई, संग्रहण के नियम, तेंदूपत्ता परिदान, क्रेता, उपचारण, बोरा भर्ती, परिवहन, गोदामीकरण, लघुवनोपज संग्रहण दर की भी जानकारी की जानकारी दी।वनमंडलाधिकारी जोगावत ने आगे कहा कि शाखकर्तन का कार्य प्राथमिक लघु वनोपज समिति द्वारा किया जाएगा। यह कार्य के लिए समितिवार एवं फड़ वार तेंदुपत्ता शाख कर्तन तेंदुपत्ता संग्रहण के 45 दिवस से पूर्व करवाया जाएगा। एसडीओ फारेस्ट सिदार लैलुंगा ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा,कि विनाश विहीन विदोहन ओर जंगलों को आग से बचाने, वन विभाग के साथ आम नागरिक का उत्तरदायित्व है, कि हम वनों की रक्षा के प्रति अपने कर्तव्य को भलीभांति समझें। आगे उन्होंने ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहकों का सर्वे कर पंजीकरण कराकर उन्हें शासन की योजनाओं से अवगत करवाया जा रहा और लाभ दिलाने में भी वन विभाग सहयोग कर रही। तत्पश्चात कार्यक्रम में वनपरिक्षेत्र अधिकारी नेताम समेत अन्य अतिथियों ने भी वनोपज व तेंदूपत्ता शाखकर्तन पर अपना विचार रखा। कार्यक्रम में मुख्य अथिति राज्य लघु वनोपज संघ सदस्य हृदयराम राठिया, वन मंडलाधिकारी धरमजयगढ अभिषेक जोगावत,जिला युनियन संघ अध्यक्ष मुखीराम राठिया, कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष ठण्डाराम बेहरा, उपप्रबंधक संचालक सीपी शर्मा,एसडीओ लैलुंगा, वन परिक्षेत्र अधिकारी, जनपद पंचायत अध्यक्ष किरण पैंकरा, एवं समस्त वनोपज प्रबंधक संघ अध्यक्ष, समिति, फड़मुंशी,सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।