रायगढ़/धरमजयगढ छत्तीसगढ़ प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सभी राजनीतिक दल के प्रत्याशी ,नेताओं द्वारा जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे किए जा रहे हैं। लेकिन वहीं रायगढ़ जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 15 में तीन प्रत्याशी ने अभी तक अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। जिसमें सन् 2015 से 20 तक डीडीसी पद पर रही रजनी राठिया जो क्षेत्र में बड़े ही अंतर से चुनाव जीत हासिल की थी। लेकिन आज जनता के भरोसे में कामयाब नहीं हो पाई और वहीं 2020 में चुनाव हार गई। क्षेत्र ग्रामीणों का कहना है कि उनके कार्यकाल में क्षेत्र के मूलभूत सुविधाओं लोगों के समस्याओं को दूर करने में असफल रहे हैं। इसलिए जनताओं ने नाकार दिया था। लेकिन फिर भी पुनः इस बार भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी मैदान में रजनी राठिया को चुनावी मैदान दांव खेला है। अब देखना होगा कि जनता इस बार क्या करती है।वहीं दूसरा प्रत्याशी कांग्रेस पार्टी से धर्मजयगढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष रहे पुनीत राठिया भी जिला पंचायत सदस्य के लिए अपना नामांकन दाखिल किए हैं। वहीं क्षेत्र के जनताओं का कहना कि पुनीत राठिया भी उनके लिए खरा नहीं उतरे हैं। क्षेत्रवासियों का साफ शब्दों में कहना है कि, पुनीत राठिया जनपद अध्यक्ष होने के बावजूद भी किसी गांव एक बार भी मूलभूत सुविधा या गांव की स्थिति जानने के लिए कभी नहीं पहुंचे। हमारे गली मोहल्ले में स्कार्पियो गाड़ी से धड़धड़ाते हुए जाते रहे लेकिन एक दिन भी गाड़ी से उतरकर हालचाल तक पुछना मुनासिब नहीं समझा। आगे क्षेत्र वासियों ने मायुसी भरे स्वर में कहा कि पुनीत राठिया हमारी इतने बड़े पद में रहकर सुध नहीं ली हमारा कद्र नहीं किया। खैर जैसे हो वहीं जनताओं के बीच इस बार पुनीत राठिया आरोप प्रत्यारोप में घिरे हुए हैं। क्योंकि जनपद अध्यक्ष रहते वह क्षेत्रीय समस्या पर सक्रियता नहीं दिखा पाना क्षेत्र लोगों के मन में तरह-तरह की सवाल उठ रही है। वहीं तीसरा प्रत्याशी सर्व आदीवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष धरमजयगढ ने भी इस बार डीडीसी पद के लिए नामांकन दाखिल कर दम खम के साथ चुनावी मैदान में उतर गये हैं। क्षेत्रवासियों को ज्ञात होगा कि युवा जन हितैषी किसानों एवं मजदूर साथ ही बेरोजगार युवाओं के साथी महेंद्र सिदार ने कई बार क्षेत्र के मूलभूत सुविधा जर्जर सड़क एवं क्षेत्र में बढ़ते हाथी के प्रभाव से किसानों को हो रही परेशानियों को लेकर लगातार कई बार शासन प्रशासन को अपनी क्षेत्र की समस्या को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं, और हमेशा पुरे क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं किसानों के हर समस्याओं पर बीच लड़ते हुए नजर आते रहे हैं। चाहे जन समर्थन में शासन प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करना पडे़ लेकिन क्षेत्र के लोगों के लिए उनके अधिकार एवं हितों के लिए हमेशा सामने खड़े होकर हर चुनौती को स्वीकार किया है। जिसमें क्षेत्र का भरपूर सहयोग प्रदान रहा है। बता दें महेन्द्र सिदार एक मजदूर किसान परिवार से ताल्लुक रखता है, बेरोजगार युवक है, फिर भी क्षेत्र के बढ़ते समस्या को लेकर गांव-गांव जाकर जागरूक करने का प्रयास करते रहते हैं। जिससे कई गांव में उनकी दिलेरी लोकप्रियता देखने को मिलती है। और साफ शब्दों में कहें तो क्षेत्र के लोगों के दिलों में जगह बना चुके हैं। अगर क्षेत्र की जनता उसे इस बार जनप्रतिनिधि बनाकर के भेजता है, तो क्षेत्र के समस्या को लेकर के वह रायगढ़ में भी अपनी बात प्रमुखता से रख सकेंगे और क्षेत्र में हाथी से बढ़ रही समस्या,मुलभूत सुविधाओं सहित हर छोटी-बड़ी समस्याओं पर निदान दिलाने की संभावना है। खैर चुनाव का दांव-पेंच, हर प्रत्याशी का चुनावी मुद्दा और इसी बीच आमजनताओं का मत ही है, कि उनके बीच किस तरह के जिला पंचायत सदस्य चाहिए, लेकिन फिर भी महेंद्र सिदार का क्षेत्र में बढ़ते लोकप्रियता से जनता का भरोसा बना हुआ है।








