धरमजयगढ। पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जोर शोर से जारी है। जिले में भी धान खरीदी केंद्रों पर किसानों की भारी भीड़ पहुंच रही है। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। जिले के उपार्जन केंद्रों पर आने वाले किसानों का आरोप है कि उनसे हमाली कराई जा रही है। किसानों का कहना है, कि धान लाने और तुलवाने से लेकर बोरी सिलने का काम भी उनसे ही कराया जा रहा है।
मामला धरमजयगढ़ विकासखंड में जमरगी- डी धान मंडी से सामने आया है। यहां मंडी प्रबंधन द्वारा किसानों से हमाली का सारा कार्य करवाया जा रहा है। वहीं धान के तौल में भी भारी गड़बड़ी की जा रही है। शासन द्वारा किसानों के लिए मंडी में हमाली की व्यवस्था की जाती है। जिससे कि किसानों को अपना लेबर न लाना पड़े और उन्हें किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो l इसी के साथ किसानों के ठहरने के लिए टेंट व पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था करना भी अनिवार्य होता है पर जमरगी डी मंडी में शासन के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए दिन दहाड़े किसानों के साथ धोखाधडी की जा रही । किसानों ने बताया कि जबसे धान खरीदी की शुरुआत हुई है तबसे ऐसा धोखाधडी किसानों के साथ किया जा रहा जिसपर विभागीय अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पड़ रही। इसी का नतीजा है। कि मंडी प्रबंधन के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे है। वहीं किसानों को धान इलेक्ट्रॉनिक काटे में तौला जा रहा वही अगर कोई किसान संतुष्ट नहीं होता तब की स्थिति में मंडी में कही भी तराजू की व्यवस्था नजर नहीं आती वही इलेक्ट्रॉनिक कांटा हमेशा से संदेह के घेरे में रहता है। मंडी में किसानों से नियम के विरुद्ध जाकर 41 से 42 किलों के बीच धान लिया जाता है,जबकि नियम अनुसार धान 40 किलो 700 ग्राम धान का ही बोरी में तौल किया जाना चाहिए पर मंडी प्रबंधन द्वारा अपनी मनमानी करते हुए किसानों से अधिक धान लिया जा रहा है। वहीं किसान स्वयं और अपने लेबर से धान की बोरी को लेजाकर समिति के बताये जगह पर रख रहे हैं। लेकिन वहीं मंडी प्रबंधक अपनी मुनाफा कमाने में लगा हुआ है।
वहीं संबंध में हमने खाद्य अधिकारी मनोज सारथी से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि मुझे इस तरह की शिकायत आज तक नहीं मिला है, और आज मीडिया के माध्यम से मिल रही, और इसकी जांच की जायेगी, और कड़ी कार्रवाई की जायेगी।