
छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों की कमी नही। भांति भांति प्रकार के वन्य जीव यहां मवजुड़ हैं और समय समय पर अपनी उपस्थिति भी दर्शाते रहते हैं। कोरबा के बाद रायगढ़ जिले के छाल तहसील के चंद्रशेखरपुर गांव में नवल राठिया के घर मे मिला दुर्लभ प्रजाति का छिपकली। जो हमारे छत्तीसगढ़ के लिए बहुत खुसी की बात है। क्योंकि छिपकली की यह प्रजाति दक्षिण भारत में पाई जाती है। लिहाजा गहन अध्ययन के लिए इसकी तस्वीरें जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआइ) जबलपुर को भेजी जाएगी। जिस छिपकली की मौजूदगी के निशान पहले कभी यहां नहीं मिले, वह छाल से लगे गांव चंद्रशेखरपुर के नवल राठिया के घर में मिली।

(gecko), जिसका वैज्ञानिक नाम हेमिडैक्टाएलस फ्रेनैटस (Hemidactylus frenatus) है, गेक्को छिपकलियों की एक जीववैज्ञानिक जाति है, जो भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिणपूर्वी एशिया के कई भागों में पाई जाती है। यह अक्सर मानवों के आवासों में रहती हैं। यह दुर्लभ प्रजाति का छपकली है। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुँत कीमती है!
नवल राठिया ने रेस्क्यू किया हेमिडैक्टाएलस फ्रेनैटस गिको छिपकली
राठिया ने बताया कि इस छिपकली को उन्होंने अपने घर मे रेस्क्यू किया है। इस प्रजाति की छिपकली बहुत दुर्लभ है। ये साइज में छोटे होते हैं। और छोटे छोटे कीड़े खाते हैं।









