प्रमोद कुमार सोनवानी – मरवाही
गौरेला पेंड्रा मरवाही/नई आवाज – कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने कलेक्ट्रेट के अरपा सभा कक्ष में स्वाथ्य विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होनें प्रसव के दौरान शिशु-मातृ मृत्यु दर को शून्य की स्थिति में लाने के लिए संस्थागत सुरक्षित प्रसव कराने पर विषेश जोर देते हुए गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के खान-पान, नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण, आयरन टेबलेट का वितरण ही नही बल्कि उसका उपयोेग भी सुनिश्चित करने और हीमोग्लोविन की नियमित रूप से जांच कराने के निर्देश दिए। उन्होने दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रो एवं विशेष पिछड़ी जनजाति के बैगा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने पंजीकृत गर्भवती महिलाओं के विरूद्ध कम प्रसव होने की जानकारी पर निजी अस्पतालों और जिले की सीमावर्ती जिलों में प्रसव कराने की जानकारी भी संकलित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने पोषण पुनर्वास केन्द्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ाने और उनके पोषण स्तर में सुधार लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही छात्रावासों एवं आश्रमों में निवासरत बच्चों का प्रत्येक 15 दिन में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शैड्यूल बनाकर डॉक्टरो की ड्यूटी लगाने सीएमएचओ को निर्देश दिए। उन्होने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों-बाल स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मलेरिया नियंत्रण, क्षय एवं कुष्ठ उन्मूलन, अंधत्व निवारण, बयोवृद्ध देखभाल, वधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण, मानसिक स्वास्थ्य, डायलिसिस, सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन, डायबिटीज, एनसीडी आदि कार्यक्रमों की विकासखण्डवार समीक्षा की और टीमवर्क के साथ कार्य करते हुए लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि लाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित सभी चिकित्सकों को सेवा भाव के साथ बेहतर सेवा देने और मरीजों के साथ संयमित व्यहार करने कहा। उन्होने कहा कि अस्पतालों में जो सुविधाएं उपलब्ध है, उसका लाभ मरीजों को मिलना चाहिए। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आई नागेेश्वर राव, डीपीएम विभा टोप्पो, सभी बीएमओ, बीपीएम एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।








