धरमजयगढ़ वनमण्डल क्षेत्र में हाथियों की उपस्थिति बनी हुई है जिसकी जानकारी लगातार दर्ज की जा रही है।लिहाजा क्षेत्र में दहसत है साथ ही नुकसानी की रिपोर्ट भी बराबर मिल रही है। ऐसे हालात में खासकर हाथी प्रभावित क्षेत्र के रहवासियों को सजगता एवं समझदारी से काम लेने की बेहद जरूरत है। ख़बर के इसी लाइन में बता दें, आज बीती रात दो हाथियों का जोड़ा धरमजयगढ़ रेंज अंतर्गत ओंगना गांव किनारे घुसपैठ कर दिए थे जिसकी वजह मुख्यतः पेड़ में कटहल फल का होना बताया जा रहा है इससे लोगों में दहसत फैल गया था उसके बाद सूचना पर वन विभाग से जुड़े हाथी मित्रदल द्वारा विभाग की वाहन में सायरन बजाते हुए रिहायसी इलाके से उक्त हाथियों को जंगल की ओर हकाला गया है।हालांकि इस विषय पर कहना है लोकेशन के मुताबिक दोबारा हाथी कटहल फल की तलाश में निकटवर्ती गांव की ओर कूच कर सकते हैं। ऐसे में यहाँ गौरव फिक्र की बात यह है कि हाथियों का प्रिय भोजन कटहल है जिसका अभी पकने का समय भी है। इसलिए हाथी खासकर गांव की ओर कटहल की तलाश में रुख कर रहे हैं। एक विभागीय जानकारी के अनुसार कटहल हाथियों का प्रिय भोजन है जिसे वे दूर से सूंघ सकते हैं और वहाँ पहुंचने का हर सम्भव कोशिश करते हैं चाहे फिर वह गांव किनारे का खेत हो या मकान के पास मौजूद पेड़ हो वहीं विभाग के अनुसार मुनादी एवं सभा के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद कटहल को सुरक्षा के मद्देनजर कइयों बार बताया समझाया जा चुका है कि कटहल हाथी को अपनी ओर खींचता है ऐसे में इसे तोड़कर बाज़ार में विक्री कर दें या फिर पेड़ मे लगे कटहल फल को किसी भी तरह से खत्म कर दें ताकि कटहल को लेकर हाथी मौजूदगी की समस्या न रहे और लोग सुरक्षित रहें ।
लेकिन कहीं न कहीं क्षेत्र में देखा जा रहा है लोग इस विशेष मुद्दे पर संजीदा नजर नही आ रहे हैं,जो कहीं न कहीं आगे भविष्य में भयावाह स्थिति को आईने की तरह साफ कर रहा है इन हालातों में कुलमिलाकर कह सकतें हैं। लोगों को सजकता,समझदारी, जागरूकता की बेहद जरूरत है।।