डेक्स खबर/नई आवाज न्यूज – वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले कुछ घंटों में आसमान में एक अनोखी घटना देखने को मिलेगी। एक अनोखी घटना में आसमान का सबसे चमकता सितारा बेटेल्गेयूज गायब हो जाएगा। पूरी दुनिया इस असाधारण घटना को देख सकेगी। वैज्ञानिकों की मानें तो यह अपने आप में एक कभी न भूलने वाला पल होगा।जानकारी के मुताबिक, आसमान से एक सबसे चमकता सितारा गायब होने वाला है। एक असाधारण घटना के तहत रात के समय आकाश में चमकने वाला सबसे बड़ा और सबसे चमकीला सितारा कुछ पलों के लिए गायब होने वाला है। क्षण भर के लिए यह सितारा इसलिए गायब होगा क्योंकि एक उल्का पिंड उसके सामने से गुजरेगा। इस घटना की वजह से दुनिया एक ऐसे ग्रहण के बारे में जानेगी जिसके बारे में कभी सुना भी नहीं गया था। एक दुर्लभ और कुछ क्षणों के लिए 11 दिसंबर सोमवार देर रात से आकाश में यह घटना होगी और मंगलवार को तड़के तक इसे देखा जा सकेगा।वैज्ञानिकों के लिए घटना के कई मायने हैंकहां-कहां दिखेगा नजाराइस घटना को मध्य एशिया के ताजिकिस्तान और आर्मेनिया से लेकर तुर्की, ग्रीस, इटली और स्पेन तक, मियामी और फ्लोरिडा कीज और अंत में एक छोटे रास्ते से गुजरते समय मैक्सिको के कुछ हिस्सों में भी इसे देखा जा सकेगा। इस सितारे को बेटेल्गेयूज के नाम से जाना जा रहा है। वैज्ञानिक इसे ओरायन तारामंडल में एक लाल विशाल सितारे के तौर पर भी जानते हैं। जो उल्कापिंड इसके सामने से गुजरेगा उसे लियोना कहा जा रहा है। यह मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य उल्कापिंड बेल्ट में धीरे-धीरे घूमने वाली, आयताकार अंतरिक्ष चट्टान है।कैसा है यह सितारायह एक दुर्लभ खगोलीय घटना में जिसने न केवल अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों को आकर्षित किया है, बल्कि वैज्ञानिकों का ध्यान भी अपनी तरफ खींचा है। बेटेल्गेयूज वह सितारा है जो रात में आसमान में सबसे तेज चमकता है। इस सितारे में विस्फोट होने वाला है और उसके बाद यह सुपरनोवा में जाने के लिए तैयार है। वैज्ञानिकों की मानें तो पिछले कुछ समय से इसका व्यवहार काफी अनियमित है। इस तारे का व्यास 700 मिलियन मील से ज्यादा है। इसे अपने खास नारंगी रंग के लिए जाना जाता है। खगोल विज्ञानियों ने इसे सबसे बड़े ज्ञात सितारों में से एक माना है।वैज्ञानिकों में उत्सुकताखगोलविद इस ग्रहण के जरिए बेटेल्गेयूज और लियोना के बारे में और ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। हालांकि यह ग्रहण 15 सेकेंड से ज्यादा नहीं होगा। इस साल सितंबर में स्पेन के वैज्ञानिकों की टीम ने अनुमान लगाया था कि उल्कापिंड करीब 34 मील चौड़ा और 80 किलोमीटर लंबा हो सकता है। अभी यह साफ नहीं है कि उल्कापिंड पूरे तारे को गायब कर देगा जिससे पूर्ण ग्रहण होगा या फिर इसका सिर्फ कुछ हिस्सा ही कवर होगा। अगर यह पूर्ण ग्रहण है, तो वैज्ञानिकों को नहीं मालूम है कि तारा कितने सेकंड में पूरी तरह से गायब होगा। उस स्थिति में तारा 10 सेकेंड में ही पूरी तरह से गायब हो जाएगा।
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