रायगढ़/नई आवाज-रायगढ़ लोकसभा 1962 में स्थापित किया गया। इसमें कुल 8 विधानसभा जशपुर,कुनकुरी,पत्थलगांव,लैलूंगा,रायगढ़,सारंगढ़,खरसिया और धरमजयगढ़ आते हैं। रायगढ़ लोकसभा काफी बढ़ा हैं जिसमें 3 जिले आते हैं रायगढ़,जशपुर और सारंगढ़ । रायगढ़ लोकसभा काफी हॉट सीट मानी जा रही है क्योंकि यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी का हैं इस क्षेत्र से अधिकतर भारतीय जनता पार्टी ही जीत हासिल करती आ रही है वर्त्तमान समय में रायगढ़ लोकसभा चुनाव डॉ.मेनका देवी सिंह और राधेश्याम राठिया के बीच चुनावी जंग हैं और दोनों ही प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। एक ओर राधेश्याम राठिया किसान के परिवार से हैं तो दूसरी ओर डॉ.मेनका देवी सिंह सारंगढ़ राज घराने से।
भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी
राधेश्याम राठिया का जीवन परिचय राधेश्याम राठिया पर भाजपा ने रायगढ़ लोकसभा से दांव खेला है। राधेश्याम को पहली बार भाजपा ने चुनाव प्रत्याशी बनाया है। गोमती साय के विधानसभा चुनाव लड़ने और जीतने के बाद रायगढ़ सीट से भाजपा ने नये चेहरे को उतारा है। 52 साल के राधेश्याम राठिया का जन्म 12 जून 1972 को हुआ था। 12वीं तक की पढ़ाई करने वाले राधेश्याम घरघोड़ा, धरमजयगढ़ के रहने वाले हैं।पारिवारिक पृष्ठभूमि-भाई- राजाराम राठिया पूर्व जनपद अध्यक्ष घरघोड़ापत्नी- निंद्रावती राठिया पूर्व उपाध्यक्ष, जिला लघु वनोपज समिति*वर्तमान दायित्व*-जिला महामंत्री, भाजपा किसान मोचा, जिला रायगढ़जिला सह संयोजक जनजाति सुरक्षा मंच, जिला रायगढ़अध्यक्ष, लघु वनोपज समिति, सामारुमा निर्विरोध*जनप्रतिनिधि के रूप में सेवा के 25 वर्ष:-*वर्ष 1995 से 2000 तक निर्विरोध उपसरपंच ग्रामपंचात छर्राटांगर।वर्ष 2000 से 2005 तक सदस्य, जिला पंचायत गठन।वर्ष 2005 से 2010 जनपद पंचायत घरघोड़ा।वर्ष 2010 से 2015 तक सदस्य, जिला पंचायतवर्ष 2015 से 2020 तक निर्विरोध
जनपद सदस्य भाजपा संगठन मे पूर्व दायित्व*-वर्ष 1991 से 2005 तक भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्यवर्ष 2004 से 2005 तक अध्यक्ष घरघोड़ा मंडलवर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा छत्तीसगढ़।वर्ष 2014 से 2018 जिला उपाध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा रायगढ़वर्ष 2017 में 2021 तक जिला उपाध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जन जाति मोर्चावर्ष 2023 में धरमजयगढ़ विधानसभा चुनाव में संचालक का दायित्व। अन्य संवैधानिक दायित्व –वर्ष 2014 से 2018 तक सदस्य परियोजना मंडल एकीकृत परियोजना धरमजयगढ़।वर्ष 2017 से 2021 तक अध्यक्ष लघु वनोपज समिति (निर्विरोध)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी –
मेनका देवी सिंह को रायगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया है। सारंगढ़ के प्रतिष्ठित राजपरिवार जो कि विगत 100 से भी अधिक वर्षों से कांग्रेस पार्टी से जुड़कर जनता की सेवा में सदैव समर्पित हैं, इस परिवार की डॉ. मेनका देवी सिंह विगत चार दशक से पार्टी से जुड़ी हुई हैं। वो समाजसेवा में अपना योगदान दे रही हैं। डॉ. मेनका देवी सिंह को 2014 में रायगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार के रुप में नामांकित किया था, लेकिन बाद में उनका नाम बदल दिया गया। हालांकि इसके बाद भी डॉ. मेनका देवी सिंह कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य के रुप में और जनसेवा के अपने पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए समाज सेवा में अपना योगदान देती रहीं। रायगढ़ (एसटी) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र (2014-20) में उन्होंने उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी, रायगढ़ और धरमजयगढ़ के प्रभारी के रूप में भी कार्य किया।
पिता रह चुके हैं मुख्यमंत्री – आजादी के पहले सारंगढ़ स्टेट हमारे देश के महत्वपूर्ण रियासतों में से एक था। आजादी के बाद डॉ. मेनका देवी सिंह के पिता स्व. राजा नरेश चंद्र सिंह, जिन्होंने सारंगढ़ राज्य के अंतिम शासक रहते हुए भारतीय संघ में सारंगढ़ राज्य के विलय के पश्चात लोकतांत्रिक तरीके से जनसेवा में लगे रहे। स्व. राजा नरेश चंद्र सिंह ने 16 वर्षों तक मध्यप्रदेश में मंत्री (1952-1968) के रुप में कार्य किया। वह मध्य प्रदेश के एकमात्र आदिवासी मुख्यमंत्री थे।*मां विधायक और बहन रह चुकी है सांसद*डॉ. मेनका देवी सिंह की माता स्व. ललिता देवी, पुसौर विधानसभा से 1969 में निर्विरोध विधायक चुनी गई। बड़ी बहन, पुष्पा देवी सिंह, पूर्व सांसद, रायगढ़ लोकसभा से 3 बार विजयी रही हैं। बहन, कमला देवी सिंह, 18 वर्षों तक एम.एल.ए और 15 वर्ष तक मध्य प्रदेश में मंत्री के रूप कार्य किया। बहन, (दिवंगत) रजनी देवी, 1967 में सासद (लोकसभा) चुनी गई।*
जीवनसाथी:-पति, डॉ परिवेश मिश्रा, क्षेत्र के एक प्रसिद्ध चिकित्सा पेशेवर, कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी है।
संतान:-बेटी, कुलिशा देवी, काग्रेस पार्टी के साथ काम कर रही है और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, भारतीय युवा काग्रेस (2020-22) भी रह चुकी है। कुलिश देवी ने प्रदेश अध्यक्ष (छत्तीसगढ), जवाहर बाल मंच (2022-2023) और समन्वयक (रिसर्च), छत्तीसगढ़ पीसीसी के रुप में भी कार्य किया है।
शिक्षा:-डॉ. मेनका देवी सिंह ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, सागर,मध्य प्रदेश से पूरी की। साथ ही डॉक्टरी की पढाई (एमबीबीएस) गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल से पूरी की।
चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान :-चालीस से भी अधिक वर्षों से डॉ. मेनका देवी सिंह ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में अवर्गीकृत लोगों के बीच स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच में सुधार लाने के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने एक एनजीओ की स्थापना की जो रायगढ़, जशपुर और सारंगढ़ जिला क्षेत्र में कुष्ठ उन्मूलन, तपेदिक नियंत्रण और टीकाकरण के क्षेत्र में व्यापक काम करता है। 1990 के दशक में, उन्होंने अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्यव्यापी प्रयास का नेतृत्व करते हुए आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों पर सरकार को ध्यानाकर्षण के लिए मजबूर किया। उनके इन्हीं प्रयासों के फलस्वरुप राज्य में अनआयोडाइज्ड नमक की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। डॉ. मेनका ने राज्य सरकार के साथ मिलकर जल जनित बीमारियों जैसे फाइलेरिया की रोकथाम की दिशा में भी काम किया है। सरकार ने उनके प्रयासों की सराहना करते हुए एक सामूहिक उपचार कार्यक्रम की शुरुआत की।
सामाजिक कार्यःCAPART, यूनिसेफ जैसी अन्य एजेंसियों की मदद से छोटा नागपुर पठार जो रायगढ़ (एस टी) लोकसभा का हिस्सा है के सुदूरवर्ती पहाड़ी गांवों में निवासरत कोरवा आदिवासियों के लिए हैंडपंप लगाने की परियोजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया। INTACH, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की सक्रिय आजीवन सदस्य। आप वर्तमान में RNCS सेवा सस्था के संस्थापक है, जो पूर्वी छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में सामाजिक चिकित्सा और ग्रामीण विकास परियोजनाओं के क्षेत्र में कार्यरत एक गैर सरकारी संगठन है।
Back to top button