चंद्रशेखर जयसवाल की रिपोर्ट
लैलूंगा / रायगढ़ जिले के लैलूंगा में सालों से जमे है अनुविभागीय अधिकारी का नहीं हो रहा तबादला आपको बता दे लैलूंगा में पदस्थ अक्षा गुप्ता को मई 2023 में एसडीएम के पद पर पदस्थ किया गया था दो साल पूरे होने को है। लेकिन दबदला नहीं हुआ कांग्रेस शासन काल में पदस्थ अधिकारी अभी तक जमे हुए है विधानसभा चुनाव के दौरान भी तबादला नहीं हुआ लोकसभा के बाद नगरीय निकाय त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले है परंतु अधिकारियों की ट्रांसफर लिस्ट में नाम नहीं आ रहा है। आपको बता दें, कि इनके अड़ियल रवैए से सभी वर्ग के लोग परेशान है कई बार कांग्रेसी सहित भाजपा के नेता भी एसडीएम की शिकायत कर चुके हैं परंतु इन्हें बदलने की कवायद तक नहीं हो सकी और तब से अधिकारी-कर्मचारी अपने इच्छानुसार कार्यालयों में काम कर रहे हैं। वर्षों से एक स्थान पर जमे अधिकारी कर्मचारी सरकार कोई भी हो लैलूंगा का मोह भंग नहीं होता है। लैलूंगा में वर्षों से जमे अधिकारी-कर्मचारियों को हटाने की शिकायत पूर्व में चुनाव आयोग से की गई थी लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया शासन स्तर पर इन कर्मचारियों की नई पदस्थापना की कोई सुगबुगाहट नहीं है विभिन्न विभागों में वर्षों से टिके कर्मचारी अपने दबदबे व प्रभाव की वजह से आज भी कई वर्षो से एक ही कार्यालय में जमे हुए हैं इनका न तो स्थानांतरण हुआ और न ही इनका विभाग बदला गया है। सारे नियम कानून को धत्ता बताते हुए अपनी पहुंच का धौंस दिखाकर कार्यालय में जमे हुए हैं। उच्चाधिकारियों को भी इसकी जानकारी होने के बावजूद उन्हें हटाने कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। इससे दफ्तर में काम कराने आए लोगों को कई प्रकार की परेशानियाें का सामना करना पड़ रहा है वही अधिकारियों के व्यवहार से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले फरियादी काफी ज्यादा हताश होते है।
एसडीएम मैडम पिकनिक के बहाने अन्य जिले करते है बैठक आयोजन!
आपको बता दे कि एसडीएम अक्षा गुप्ता पटवारियों सहित कर्मचारियों की बैठक लेने मुख्यालय छोड़ अन्य जिलों का रुख करते है सूत्र बताते है कि अनुविभागीय अधिकारी अक्षा गुप्ता पटवारियों सहित अन्य कर्मचारियों को पूर्व में जशपुर जिले के मायली डेम में पिकनिक के बहाने बैठक आयोजित किया गया था। इतना ही नहीं कार्यालय के सभा कक्ष में बैठक ना करके उद्यान में बैठक लिया जाता है। वही सूत्रों की माने तो एसडीएम मैडम कुछ पटवारियों को जेडी कॉलोनी में रुम अलाट कराया गया है जबकि पटवारियों को उनके हल्का मुख्यालय में रहना है । परंतु यहां सालों से मनमानी पर है।
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